इंडिया न्यूज, Maharashtra News: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जब से सरकार गंवाई है जब से पार्टी की बगावत संभालना भी मुश्किल हो रहा है। कल ही उन्होंने पार्टी के सांसदों की बैठक अपने आवास मातोश्री पर बुलाई थी जिसमें कुल 22 सांसदों में से 15 सांसद ही आए थे। उनमें भी अधिकतर दबाव बनाते दिखे कि वह शिवसेना की ओर से एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन की घोषणा करें। इस दौरान संजय राउत ने यशवंत सिन्हा की वकालत की थी, लेकिन वे अकेले पड़ गए। इस पर उद्धव ठाकरे का इस मामले में कहना था कि वह इस पर विचार करेंगे।

सांसदों का पूर्व सीएम पर यह भी दबाव

यही नहीं सांसदों का यह भी दबाव है कि वे भाजपा के साथ गठबंधन सरकार पर राजी हो जाएं। इससे एक तरफ पार्टी टूटने से बच जाएगी और दूसरी तरफ सरकार में भी शिवसैनिकों को हिस्सेदारी मिल सकेगी। सोमवार को उद्धव ठाकरे की बुलाई मीटिंग में शामिल रहे सांसद हेमंत गोडसे ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा, ‘केंद्र-राज्य सरकारें मिलकर काम करें तो विकास को गति मिलेगी।

फायदे का सौदा भाजपा से गठबंधन : सांसद

इस दौरान सांसदों ने कहा कि हमने उद्धव ठाकरे से कहा कि भाजपा हमारी स्वाभाविक सहयोगी है। हमने पार्टी नेताओं को यह भी याद दिलाया कि केंद्र और राज्य एक साथ नहीं होने के कारण परियोजनाएं रुकी हुई थीं। वहीं बता दें कि संजय राउत ने खुद ही आज सुबह ही द्रौपदी मुर्मू को शिवसेना की ओर से समर्थन देने की घोषणा कर दी है।

100 हाथियों की मिली ताकत  : पाटिल

इस बीच उद्धव ठाकरे की ओर से अपने समर्थक 15 विधायकों के पत्र पर विधायक राहुल पाटिल ने प्रसन्नता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे के पत्र से उन्हें 100 हाथियों की ताकत मिली है। पाटिल ने कहा कि शिवसेना हमारा परिवार है, जिसे कुछ लोगों ने तबाह करने की कोशिश की थी।

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