इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
यूक्रेन और रूस के बीच जंग का आज 51वां दिन है। रूस ने एक बार फिर से यूक्रेन में हमले तेज कर दिए हैं। वहीं इसी बीच जंग के 50वें दिन यूक्रेन ने दावा किया कि उसने रूसी युद्धपोत को काला सागर में अपनी मिसाइल से उड़ा दिया है। इस युद्धपोत का नाम Moskva था और यह काफी समय से यहीं चक्कर काट रहा था।
यदि सच में यूक्रेन ने रूस के इस युद्धपोत को तबाह किया है तो ये वाकई ही रूस के लिए अब तक का सबसे बड़ा नुक्सान होगा। इसके बाद रूस भी चुप नहीं बैठेगा और वह यूक्रेन पर आने वाले दिनों में हमले और तेज करेगा।
जानकारी के मुताबिक रूस ने फरवरी में इसी युद्धपोत से स्नेक आइलैंड से कई मिसाइलें दागी थीं। तभी से यूक्रेन इस युद्धपोत पर निशाना लगाए रखा था। इस युद्धपोत को तबाह करने के लिए यूक्रेन ने तुर्की के बायरक्तार ड्रोन से मोस्कवा के रडार सिस्टम को धोखा दिया।
इसके बाद ओडेसा में छिपी यूक्रेन की सेना ने 2 नेप्चून मिसाइलों से इस Moskva युद्धपोत को नष्ट कर दिया और यह युद्धपोत काला सागर में समा गया। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने अपने भाषण में रूस के युद्ध पोत के डूबने की ओर इशारा किया और कहा है कि जिन लोगों ने दिखाया कि रूसी युद्धपोत दूर जा सकते हैं, भले ही वह समुद्र के नीचे हो। मिसाइल क्रूजर के लिए यह उनका एकमात्र संदर्भ था।
इस मामले में रूस ने कहा है कि किलर मिसाइलों से लैस इस युद्धपोत के गोला-बारूद में आग लग जाने की वजह से इसमें आग लग गई। युद्धपोत पर आग इतनी भीषण थी कि इसे बुझाया न जा सका। रूस ने बताया कि इस युद्धपोत के डूबने से पहले ही युद्धपोत में सवार सभी नौसैनिकों को निकाल लिया था।
रूसी रक्षा मंत्रालय (Russian Defense Ministry) ने बताया कि फिलहाल आग के असल कारणों का पता लगाया जा रहा है। ये स्लावा क्लास मिसाइल क्रूजर 1979 में लॉन्च किया गया था। इस युद्धपोत में 16 एंटी शिप मिसाइल और कई एयर डिफेंस मिसाइल, टॉरपीडोज और गन तैनात हैं. रूस का यह युद्धपोत ब्लैक सी फ्लीट में शामिल है और फरवरी से यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में भी हिस्सा ले रहा था।
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