India News (इंडिया न्यूज़), Uniform Civil Code: यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। लोग इसे लेकर अपनी प्रतीक्रीया भी दे रहे हैं। इसी कड़ी में नोबल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने भी इस मुद्दे को लेकर अपनी प्रतिक्रीया सांझा की है। उनका कहना है कि मैंने अखबार में ख़बर देखी जिसमें लिखा था UCC में अब और देरी नहीं करनी चाहिए, ऐसे मूर्खतापूर्ण बात कहां से आई? UCC में कुछ नियम हैं, वे(केंद्र) इस तरह इसे कैसे लागू कर सकते हैं? इससे किसका फायदा होगा?

UCC पर नोबल पुरस्कार विजेता व अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा, “मैंने अखबार में ख़बर देखी जिसमें लिखा था UCC में अब और देरी नहीं करनी चाहिए, ऐसे मूर्खतापूर्ण बात कहां से आई? UCC में कुछ नियम हैं, वे(केंद्र) इस तरह इसे कैसे लागू कर सकते हैं? इससे किसका फायदा होगा? वे जिस तरह देश चलाना चाहते हैं वह ग़लत है। हिंदू राष्ट्र ही भारत के लिए आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता नहीं है। इसमें हिंदूत्व का प्रयोग ग़लत तरीके से हो रहा है। हम कई सालों से बिना UCC के रहते आ रहे हैं और भविष्य में भी इसके बिना रह सकते हैं।”

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के अल्पसंख्यकों के अधिकारों को छीनने वाले बयान पर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि भारत में वर्ग, धर्म और लिंग के आधार पर बहुत असमानताएं हैं, जो चुनौती के तौर पर उभर सकती हैं। उन्होंने कहा कि मैं खुश हूं कि ओबामा ने इन मुद्दों को उठाया, लेकिन हममें से कई लोग इस मुद्दे को आसानी से बता सकते थे।

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