India News (इंडिया न्यूज), Rajnath Singh Russia Visit: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज रविवार (8 दिसंबर, 2024) को रूस की तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए, जहां वह भारतीय नौसेना के एक स्टील्थ युद्धपोत का जलावतरण देखेंगे और अपने रूसी समकक्ष एंड्री बेलौसोव के साथ सैन्य उपकरणों के सह-उत्पादन में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर बातचीत करेंगे। रूस निर्मित बहुउद्देश्यीय स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस तुशील को सोमवार को तटीय शहर कलिनिनग्राद में जलावतरित किया जाएगा। दुनिया भर में तकनीकी रूप से सबसे उन्नत फ्रिगेट में से एक माने जाने वाले इस युद्धपोत से हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की परिचालन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां चीन की गतिविधियां बढ़ती देखी गई हैं। 

राजनाथ सिंह के साथ जाएंगे नौसेना प्रमुख

नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी जलावतरण समारोह में सिंह के साथ रहेंगे। शनिवार (7 दिसंबर, 2024) को एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि रक्षा मंत्री सिंह 8 से 10 दिसंबर तक रूस की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे। इसमें कहा गया कि, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और बेलौसोव 10 दिसंबर को मास्को में सैन्य और सैन्य तकनीकी सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी) की 21वीं बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, रक्षा मंत्री की रूस यात्रा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मास्को यात्रा और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के पांच महीने बाद हो रही है। 

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भारत-रूस सहयोग को प्रमुखता में किया जाएगा शामिल

वार्ता में दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और मजबूत करने का फैसला किया। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, सिंह और बेलौसोव सैन्य और औद्योगिक सहयोग सहित रक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच बहुआयामी संबंधों की पूरी श्रृंखला की समीक्षा करेंगे। इसमें कहा गया, “वे आपसी हित के समकालीन क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।” राजनाथ सिंह की यात्रा से अवगत लोगों ने बताया कि दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच होने वाली बातचीत में सैन्य उपकरणों के सह-उत्पादन में भारत-रूस सहयोग को प्रमुखता से शामिल किया जाएगा। 

आईएनएस तुशील की क्या है खासियतें?

अगर हम आईएनएस तुशील की बात करें तो यह जहाज 125 मीटर लंबा और 3900 टन वजनी है, जो अपने घातक हमले के लिए जाना जाता है। अगर इनकी खासियतों की बात की जाए तो यह रूसी और भारतीय विशेष तकनीक और युद्धपोत निर्माण का बेहतरीन मिश्रण है। अब इसका नया डिजाइन बेहतरीन स्टेल्थ सुविधा और स्थिरता देता है। सेवेर्नोये डिजाइन ब्यूरो के सहयोग से इसमें 26 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री बढ़ाई गई है। इसमें शामिल प्रमुख भारतीय OEM में ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, केलट्रॉन, टाटा से नोवा इंटीग्रेटेड सिस्टम्स, एल्केम मरीन, जॉनसन कंट्रोल्स इंडिया और कई अन्य शामिल हैं।

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