Union Minister Of State For Home Nityanand Rai Says

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:

Union Minister Of State For Home Nityanand Rai Says  अनुच्छेद 370 के हटने के बाद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में बाहर के 34 लोग (34 people) संपत्ति खरीद (property purchased) चुके हैं। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने संसद में यह जानकारी दी है। उन्होंने लोकसभा में एक सवाल का जवाब दते हुए यह जानकारी दी। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के सांसद हाजी फजलुर रहमान ने इस संबंध में सवाल किया था। फजलुर रहमान ने यह भी सवाल किया था कि कश्मीर में किन जगहों पर ये संपत्तियां खरीदी गई हैं। इसके जवाब में नित्यानंद राय ने कहा कि उधमपुर, जम्मू, रियासी और गांदरबल ये संपत्तियां बाहरी लोगों ने खरीदी हैं।

केंद्र सरकार ने कानून में किया है बदलाव

केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद लद्दाख व जम्मू-कश्मीर में जमीन और प्रॉपर्टी की खरीद के कानूनों में बदलाव किया है। इसके बाद नए भूमि खरीद कानून बनाए गए। केंद्र ने गत वर्ष कहा था कि जम्मू-कश्मीर के बाहर से दो लोगों ने क्षेत्र में जमीन खरीदी है। एक रिपोर्ट के अनुसार जम्मू-कश्मीर प्रशासन के सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सभी संपत्तियां दिल्ली व पंजाब के लोगों व व्यापारियों के साथ ही पेशेवरों ने खरीदी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक सभी मामलों में भूमि के भूखंड बहुत बड़े नहीं होते हैं और बड़े पैमाने पर हॉलिडे होम या फार्महाउस स्थापित करने के लिए उपयुक्त होते हैं।

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जमीनों की कीमतों में हो गई है लगभग छह गुना वृद्धि

अनुच्छेद 370 हटने के बाद, जम्मू-कश्मीर में जमीनों की कीमतों में लगभग छह गुना इजाफा हो गया है। पहले जो प्लॉट तीन लाख रुपए प्रति कनाल में उपलब्ध था अब उसकी कीमत 18 लाख रुपए प्रति कनाल हो गई है। कई लोग भविष्य को ध्यान में रखकर कश्मीर में निवेश कर रहे हैं। उन्हें भरोसा है कि अंतत: घाटी में शांति स्थापित होगी और और इस समय किए गए निवेश से भविष्य में फायदा होगा।

अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को था विशेष राज्य का था दर्जा

बता दें कि अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया था। इसके अंतर्गत बाहरी लोग जेएंडके में संपत्ति हासिल नहीं खरीद सकते थे। इस अनुच्छेद के तहत उन्हें यहां संपत्ति खरीदने से रोका गया था। अनुच्छेद 370 को केंद्र की मोदी सरकार के निर्देश पर पांच अगस्त, 2019 को निरस्त कर दिया गया। इसके बाद दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख बना दिए गए हैं। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा का प्रावधान किया गया है जबकि लद्दाख में विधानसभा का प्रावधान नहीं है।

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