India News (इंडिया न्यूज), UP Teacher Bharti: उत्तर प्रदेश के 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में यूपी सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार (16 अगस्त) को अपना फैसला सुनाते हुए इस भर्ती की पूरी मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया। साथ ही कोर्ट ने तीन महीने के अंदर नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश जारी किया है। दरअसल, आज लखनऊ हाईकोर्ट की डबल बेंच ने यूपी के 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले पर बड़ा फैसला सुनाते हुए पूरी चयन सूची को रद्द कर दिया। जस्टिस एआर मसूदी और जस्टिस बृजराज सिंह की बेंच ने पूरी चयन सूची को रद्द कर दिया और डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को रद्द कर दिया। सिंगल बेंच ने 8 मार्च 2023 को फैसला सुनाया था कि 69000 शिक्षक भर्ती 2020 की सूची को रद्द किया जाता है।
खतरे में हजारों लोगो की नौकरी
बता दें कि, सिंगल बेंच ने ATRE (एपेक्स टैलेंट रिवॉर्ड एग्जाम) को पात्रता परीक्षा नहीं माना। डबल बेंच ने इस आदेश को रद्द करते हुए सरकार को आरक्षण नियम 1994 की धारा 3 (6) और बेसिक शिक्षा नियम 1981 का पालन करने को कहा है। कोर्ट ने सरकार को आरक्षण के बाद 3 महीने के अंदर नई सूची पेश करने को कहा है। एटीआरई परीक्षा को पात्रता परीक्षा माना गया है। बता दें कि अगर आरक्षित वर्ग का कोई मेधावी अभ्यर्थी किसी सामान्य सीट पर सामान्य वर्ग के बराबर अंक लाता है, तो उसे सामान्य वर्ग में रखा जाएगा। बाकी 27% और 21% सीटें ओबीसी/एससी से भरी जाएंगी।
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शिक्षक भर्ती सीटों में हुआ है घोटाला
दरअसल, याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सीएम योगी ने कहा था कि 69000 शिक्षक भर्ती में ओबीसी और एससी सीटों के साथ कोई घोटाला नहीं किया गया है। लेकिन उसके कुछ दिन बाद ही हाईकोर्ट ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर सीटों का घोटाला हुआ है। अभ्यर्थियों ने पूरी भर्ती पर सवाल उठाए थे और 19 हजार पदों पर आरक्षण घोटाले का आरोप लगाया था।