India News (इंडिया न्यूज), UP Teacher Recruitment Case: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शनिवार (17 अगस्त) को 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में बड़ा फैसला सुनाया। इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया। इसके बाद सवाल उठने लगे थे कि यूपी सरकार हाईकोर्ट के आदेश का पालन करेगी या सुप्रीम कोर्ट जाएगी। हालांकि, अब खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बात की पुष्टि की है कि यूपी सरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का पालन करेगी।

योगी की प्रतिक्रिया आई सामने

इस मामले को लेकर सीएम योगी ने एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि 69,000 शिक्षक भर्ती प्रकरण में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आज माननीय न्यायालय के निर्णय के सभी तथ्यों से मुझे अवगत कराया गया। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के ऑब्जर्वेशन एवं माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद की लखनऊ बेंच के निर्णय के आलोक में कार्यवाही करने हेतु विभाग को निर्देश दिए हैं। उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का स्पष्ट मत है कि संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण की सुविधा का लाभ आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को प्राप्त होना ही चाहिए एवं किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।

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सपा प्रमुख ने क्या कहा?

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया था। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था कि 69,000 शिक्षक भर्ती भी अंततः भाजपा के घोटाले, घोटाले और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। हमारी यही मांग है कि नई निष्पक्ष सूची बनाई जाए, ताकि पारदर्शी और निष्पक्ष नियुक्ति संभव हो सके। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने शिक्षक भर्ती परीक्षा मामले में ATRE (एपेक्स टैलेंट रिवॉर्ड एग्जाम) को पात्रता परीक्षा नहीं माना था। हालांकि अब लखनऊ की डबल बेंच ने इस आदेश को रद्द कर दिया है और आरक्षण नियमावली 1994 की धारा 3 (6) और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 का हवाला देते हुए सरकार को आरक्षण लागू होने के बाद 3 महीने के अंदर नई सूची जारी करने को कहा है।

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