India News(इंडिया न्यूज), UPSC Exam System: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सरकारी परीक्षाओं में धोखाधड़ी और जालसाजी के हालिया मामलों के बीच अपनी परीक्षा प्रणाली को सुधारने के लिए उन्नत डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाने का फैसला किया है। आयोग उम्मीदवारों के लिए अत्याधुनिक आधार-आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण और चेहरे की पहचान को शामिल करने की योजना बना रहा है।
परीक्षाओं में AI का उपयोग
बता दें कि, परीक्षाओं के दौरान धोखाधड़ी को रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करके क्लोज सर्किट टेलीविज़न (CCTV) निगरानी, ई-एडमिट कार्ड की QR कोड स्कैनिंग जैसे तकनीकी समाधानों की भी योजना बनाई जा रही है। UPSC हर साल 14 परीक्षाएं आयोजित करता है, जिसमें सिविल सेवा परीक्षा (CSE) और शीर्ष सरकारी पदों के लिए कई भर्ती परीक्षाएँ और साक्षात्कार शामिल हैं।
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यूपीएससी ने अपने द्वारा आयोजित परीक्षाओं के दौरान प्रौद्योगिकी सेवाएं प्रदान करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PCU) से बोलियां आमंत्रित करते हुए एक निविदा जारी की है। निविदा में कहा गया है कि, बोलीदाता एक लाभ कमाने वाली इकाई होनी चाहिए, जिसका पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान परीक्षा-आधारित परियोजनाओं से औसत वार्षिक कारोबार कम से कम 100 करोड़ रुपये हो।
पूजा खेडकर पर मामला दर्ज
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) 2024 के आयोजन में कई खामियों को उजागर करने के बाद राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) की खिंचाई किया। यह मामला IAS अधिकारी पूजा खेडकर के विवाद के साथ भी मेल खाता है, जिन्होंने कथित तौर पर 12 मौकों पर सिविल सेवा परीक्षा में बैठने के लिए दस्तावेजों में जालसाजी की जो अनुमत प्रयासों की संख्या से अधिक है। UPSC ने खेडकर के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है और दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया है।
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