India News(इंडिया न्यूज), US Accuses Indian Citizen:  भारत ने ‘हत्या के लिए भाड़े पर लेने’ के आरोप में भारतीय निखिल गुप्ता को अमेरिका द्वारा दोषी ठहराए जाने पर भारत ने अपनी प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि यह चिंता का विषय है और सरकार की नीति के विपरीत भी है।

एक प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान कहा, “जैसा कि हमने पहले कहा है, द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग पर अमेरिका के साथ चर्चा के दौरान, अमेरिकी पक्ष ने संगठित अपराधियों, बंदूक चलाने वालों और आतंकवादियों के बीच सांठगांठ से संबंधित कुछ इनपुट साझा किए। हम ऐसे इनपुट को बहुत गंभीरता से और उच्च स्तर पर लेते हैं। मामले के सभी पहलुओं पर गौर करने के लिए स्तरीय जांच समिति की स्थापना की गई है। समिति के निष्कर्षों पर आवश्यक अनुवर्ती कार्रवाई की जाएगी।”

इस मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने आगे कहा, “हम ऐसे सुरक्षा मामलों के बारे में कोई और जानकारी साझा नहीं कर सकते।” प्रवक्ता ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संगठित अपराध, तस्करी, बंदूक चलाने और चरमपंथियों के बीच सांठगांठ कानून प्रवर्तन एजेंसियों और संगठनों के लिए विचार करने के लिए एक गंभीर मुद्दा है।”

भारतीय मुल के अमेरिकी नागरिक पर लगाया आरोप

बता दें कि अमेरिकी न्याय विभाग ने बुधवार को एक भारतीय पर “न्यूयॉर्क में भारतीय मूल के एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की विफल साजिश में उसकी भागीदारी” के संबंध में आरोप लगाया। उस शख्स का नाम निखिल गुप्ता उर्फ निक है और उसके खिलाफ ‘हत्या के बदले भाड़े’ का आरोप लगाया गया है। न्याय विभाग के दस्तावेज़ में नागरिक का नाम नहीं था, लेकिन सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नून को मारने की कथित हत्या की साजिश की फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के बाद आया था।

अमेरिकी न्याय विभाग ने निखिल गुप्ता की पहचान 52 वर्षीय भारतीय के रूप में की है जो भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक को मारने के लिए भारत से काम कर रहा था। यह आरोप फाइनेंशियल टाइम्स की उस रिपोर्ट के बाद आया है जिसमें कहा गया था कि अमेरिका में गुरपतवंत सिंह पन्नून को मारने की कोशिश की गई थी।

कनाडा मुद्दे पर विदेश मंत्रालय का जवाब

इसके अलावा कनाडा मुद्दे पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा ने लगातार भारत विरोधी चरमपंथियों को जगह दी है और यही इस मुद्दे का मूल है। प्रवक्ता ने कहा, “कनाडा में हमारे राजनयिकों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है। इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि कनाडा सरकार वियना कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों को पूरा करेगी।”

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