होम / US Envoy On CAA: भारत में अमेरिकी राजदूत का CAA पर बड़ा बयान, बोले- सिद्धांतों को नहीं छोड़ सकते

US Envoy On CAA: भारत में अमेरिकी राजदूत का CAA पर बड़ा बयान, बोले- सिद्धांतों को नहीं छोड़ सकते

Raunak Pandey • LAST UPDATED : March 16, 2024, 10:14 am IST

India News(इंडिया न्यूज), US Envoy On CAA: भारत सरकार ने जबसे नागरिक संशोधन अधिनियम को लागू करने का अधिसूचना जारी किया है, तबसे से ही इस मुद्दे पर खूब विवाद हो रहा है. इस बीच शुक्रवार (15 मार्च) को भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने सीएए के लागू होने पर अमेरिका की तरफ से प्रतिक्रिया दिया. उन्होंने कहा कि हम इस बारे में बहुत दृढ़ता से महसूस करते हैं कि संवेदनशील सीमाओं को सुरक्षित करने की आवश्यकता है. अमेरिका खुद अप्रवासी नागरिकों का एक देश हैं, हम विविधता से समृद्ध हुए हैं. गार्सेटी ने आगे कहा कि भारत की सुरक्षा जरूरतों को हम भी समझते हैं. परंतु, लोकतंत्र की आधारशिला धार्मिक स्वतंत्रता और कानून के तहत समानता के सिद्धांत हैं.

भारत ने जताया था कड़ा विरोध

भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि हम इन सभी चीजों को देखते हैं, हमारे दोस्तों को न देखना आसान होगा. उन्होंने आगे कहा कि आपको हम हमारे लोकतंत्र के साथ भी ऐसा ही करने के लिए आमंत्रित करते हैं, यह एकतरफा रास्ता नहीं है. गार्सेटी ने कहा कि आप चाहे दोस्तों के कितने भी करीब क्यों न हों, परंतु आप सिद्धांतों को नहीं छोड़ सकते हैं. दरअसल, अमेरिकी सरकार द्वारा सीएए के खिलाफ दी गई प्रतिक्रिया के विरोध भारतीय विदेश मंत्रालय ने बात की. साथ ही अमेरिका की प्रतिक्रिया को गलत, गलत सूचना और अनुचित बताया है. विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नागरिकता देने के बारे में नागरिकता संशोधन अधिनियम है. यह अधिनियम नागरिकता छीनने के बारे में नहीं है.

ये भी पढ़े:- Asaduddin Owaisi On CAA: Asaduddin Owaisi हुए सीएम हिमंत पर CAA को लेकर हमलावर, बोले- 2 लाख हिंदुओं का ठीक लेकिन…

अमेरिकी सरकार ने क्या CAA पर क्या बोला था?

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने शुक्रवार (15 मार्च) को एक प्रेस वार्ता के दौरान सीएए को लेकर कहा कि हम चिंतित हैं. हम भारत में लाए गए इस कानून की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं कि इसे कैसे लागू किया जाएगा. भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के रुख पर तीखी प्रतिक्रिया दिया था. विदेश मंत्रालय ने कहा था कि जिन लोगों को भारत की बहुलवादी परंपराओं और क्षेत्र के विभाजन के बाद के इतिहास की सीमित समझ है. उनके व्याख्यान देने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए. इस कदम के इरादे का स्वागत भारत के साझेदारों और शुभचिंतकों को करना चाहिए.

ये भी पढ़े:- Latam Airlines: हवा में LATAM एयरलाइंस के साथ क्या हुआ था, हादसे के वक्त का आखिरी वीडियो वायरल

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.