India News (इंडिया न्यूज), Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में नई लिफ्ट या एस्केलेटर लगाने से पहले रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। पहले से लगी सभी लिफ्ट और एस्केलेटर का रजिस्ट्रेशन छह महीने के अंदर कराना होगा। उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने सोमवार (15 जुलाई) को उत्तर प्रदेश लिफ्ट एवं एस्केलेटर अधिनियम-2024 को मंजूरी दे दी है। इस अधिनियम को फरवरी में विधान अनुभाग ने पारित कर दिया था। वहीं दुर्घटना होने पर मुआवजा देना होगा। कैबिनेट द्वारा इस अधिनियम को मंजूरी दिए जाने के साथ ही अब प्रदेश के व्यावसायिक, सरकारी प्रतिष्ठानों, बहुमंजिला इमारतों में लगी सभी लिफ्ट और एस्केलेटर का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो गया है।
यूपी कैबिनेट ने दी मंजूरी
इस अधिनियम के तहत कहीं भी लिफ्ट या एस्केलेटर लगाने से पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। अगले छह महीने के अंदर पहले से लगी लिफ्ट और एस्केलेटर का रजिस्ट्रेशन विद्युत सुरक्षा निदेशक कार्यालय में कराना होगा। इनके वार्षिक रखरखाव के लिए एजेंसी से जुड़ी सभी एजेंसियों को विद्युत सुरक्षा निदेशक के यहां रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा। पंजीकरण लिफ्ट और एस्केलेटर की पूरी समयावधि के लिए वैध होगा, जो इसे बनाने वाली कंपनी द्वारा निर्धारित की जाती है।
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लिफ्ट-एस्केलेटर में किया गया बदलाव
बता दें कि, लिफ्ट या एस्केलेटर में कोई बदलाव किया तो नया पंजीकरण कराना होगा। लिफ्ट और एस्केलेटर के लिए बनाए गए एक्ट में लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई नियम बनाए गए हैं। हर लिफ्ट में एक लिफ्ट ऑपरेटर की तैनाती अनिवार्य की गई है। बताया जाता है कि पंजीकरण शुल्क न्यूनतम पांच हजार रुपये है।
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