India News (इंडिया न्यूज), Uttarakhand Monsoon: मानसून की दस्तक के साथ ही राज्य में आने वाले पांच से छह दिनों में भारी बारिश का अनुमान है. इसके साथ ही मौसम विभाग ने सोमवार को छह जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। साथ ही अन्य जिलों में भी गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
- छह जिले बुरी तरह प्रभावित
- रविवार को बारिश नहीं हुई
- पहाड़ी और मैदानी इलाकों में तापमान में गिरावट आएगी
छह जिले बुरी तरह प्रभावित
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक आज देहरादून, पौडी, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत और उधम सिंह नगर में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। इसके साथ ही ज्यादातर इलाकों में घने बादलों के बीच हल्की से मध्यम बारिश जारी है। बारिश के दौर के साथ तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है. जिससे भीषण गर्मी से राहत मिल रही है।
रविवार को बारिश नहीं हुई
रविवार को मैदानी इलाकों में बादलों और धूप का मिश्रण रहा, देर शाम तक बारिश नहीं हुई। हालांकि, मौसम विभाग ने सोमवार को देहरादून समेत छह जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसके अतिरिक्त, अन्य जिलों में गरज के साथ हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। देहरादून में दिनभर धूप और बादलों की आवाजाही रही और कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी भी हुई। पर्वतीय क्षेत्रों में भी बारिश हुई और नैनीताल और हलद्वानी में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई।
पहाड़ी और मैदानी इलाकों में तापमान में गिरावट आएगी
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने जारी एक वीडियो में बताया कि उत्तराखंड के पहाड़ी हिस्से में तापमान 30 से 32 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया गया, जबकि मैदानी इलाकों में यह 40 से 43 डिग्री के बीच रहा, जिससे लोगों को राहत मिली है। देहरादून, पौडी, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत और उधम सिंह नगर में बहुत भारी बारिश के साथ तूफान की गतिविधियों की भी भविष्यवाणी की गई है। इसे लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, बागेश्वर, टिहरी और पिथौरागढ़ में भारी बारिश और गरज के साथ आकाशीय बिजली गिरने की भी आशंका है। इस बारिश से पहाड़ी हिस्सों में भूस्खलन भी हो सकता है।
चोराबाड़ी ग्लेशियर में हिमस्खलन
रविवार सुबह ऊंची पहाड़ियों पर भारी बारिश के बाद केदारनाथ मंदिर के पास चोराबाड़ी ग्लेशियर में हिमस्खलन हुआ है। वहीं शनिवार को भारी बारिश के कारण हरिद्वार में सुखी नदी में अचानक पानी आने से कई गाड़ियां नदी में तैरने लगीं।