इंडिया न्यूज। Uttarakhand News: अजीत मैंदोला : उत्तराखंड उपचुनाव में रिकार्ड मतों से हुई जीत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को नई ताकत दी है। इस जीत के बाद प्रदेश बीजेपी के राजनीतिक समीकरण तो बदलेंगे ही साथ ही कांग्रेस के लिए नई चुनौतियां खड़ी होंगी। क्योंकि हार के बाद भी कांग्रेस ने कोई सबक नहीं लिया। उसी का नतीजा है कि चंपावत उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार निर्मला गहतोड़ी की जमानत जब्त हो गई।
चंपावत ने धामी को दी नई ताकत
धामी ने 50 हजार से अधिक मतों से जीत हासिल कर सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त कर दी।धामी के साथ साथ बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी यह उप चुनाव बहुत महत्वपूर्ण था। क्योंकि धामी मुख्यमंत्री रहते हुए खटीमा से विधानसभा का चुनाव हार गए थे। इसके बाद भी प्रधानमंत्री मोदी ने धामी पर भरोसा जता उन्हें ही फिर से मुख्यमंत्री पद से नवाजा। फिर से जिम्मेदारी मिलने के बाद धामी के सामने पहली बड़ी चुनौती चुनाव जीतने की ही थी, लेकिन रिकार्ड मतों की जीत ने हार के दाग को काफी हद तक धो दिया।
योगी ने भी प्रचार में फूंकी जान
धामी और पूरी बीजेपी ने चुनाव जीतने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक प्रचार में आए। मोदी के बाद योगी धीरे धीरे बीजेपी में एक ऐसा चेहरा बनते जा रहे हैं जिनकी अपील का वोटरों पर सीधा असर पड़ता है। यूपी और उत्तराखंड के चुनाव नतीजे इसका परिणाम थे।
वोटर्स को आकर्षित करते हैं योगी
योगी ने विधानसभा चुनाव के समय कोटद्वार और टिहरी का दौरा कर 5 से 7 सीटों पर सीधा असर डाल पार्टी को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। इस बार योगी ने धामी के पक्ष में प्रचार कर जीत दिलवाने में बड़ा योगदान दिया। इस जीत पर प्रधानमंत्री मोदी का ट्वीट भी धामी को तो ताकत देगा ही प्रदेश बीजेपी को भी सीधा सन्देश है। प्रधानमंत्री ने धामी को डायनामिक बताते हुए उम्मीद जताई उत्तराखंड के विकास के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।
उत्तराखंड में नई टीम तैयार करेगी बीजेपी
बीजेपी ने उत्तराखंड में धामी को सीएम बना नई टीम तैयार करनी शुरू कर दी थी। धामी और उनकी टीम के गठन के बाद राज्यसभा सीट पर डॉ कल्पना सैनी को उतार आलाकमान ने कई दिग्गजों को चौंका दिया। इस बीच आप के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार रहे कर्नल अजय कोटियाल का बीजेपी में शामिल होना को भी नई टीम से ही जोड़ा जा रहा है।
कोटियाल के राजनीति में आने के मायने
कोटियाल के राजनीति में आने के बाद से ही उन्हें बीजेपी का करीबी माना जाता रहा है। जब वह आप पार्टी में गए तो बड़ी हैरानी जताई जा रही थी। लेकिन कुछ राजनीति के जानकार चर्चा करने लगे थे कि बीजेपी ने ही कोटियाल को आप मे प्लांट कराया है।
धामी की अगुवाई में तैयार होगा नया चेहरा
खैर अब उत्तराखंड में नई बीजेपी का चेहरा धामी की अगुवाई में तैयार होगा। जिसका असर निश्चित रूप से पूर्व मुख्यमंत्रियों रमेश पोखरियाल निशंक, त्रिवेंद्र रावत और तीरथ सिंह रावत, विजय बहुगुणा जैसे नेताओं पर पड़ना तय है। हालांकि लोकसभा चुनाव ठीक दो साल बाद होंगे, लेकिन जिस तरह से आलाकमान धामी को आगे बढ़ा रहा है उससे साफ संकेत हैं पुराने नेताओ पर संकट आ सकता है।
कांग्रेस में गुटबाजी ही हार की वजह
धामी फिलहाल अभी आम जन में साफ सुथरी छवि और कुशल प्रशासक का सन्देश देने में सफल रहे हैं। उधर विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार के बाद से कांग्रेस में कोई बदलाव नहीं आया।पार्टी में आपसी झगड़े बरकरार हैं। करन माहरा को प्रदेश अध्यक्ष बना पार्टी ने कई बदलाव किए, लेकिन गुटबाजी जस की तस बनी हुई है।
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