अजीत मैंदोला, Varun Gandhi on Unemployment : सांसद वरुण गांधी जल्द ही बेरोजगार युवा युवतियों, किसानों, छोटे दुकानदारों और सरकारी नोकरी पेशा लोगों की आवाज बनेंगे। इसके लिये वह आने वाले दिनों में देश भर में अभियान चलाएंगे। इस अभियान में न तो वह अपनी पार्टी, सरकार के खिलाफ कुछ बोलेंगे और न ही विपक्ष पर उनका कोई तंज होगा। अकेले अभियान पर निकलेंगे और जो साथ जुड़ना चाहेगा उसे जोड़ लेंगे।सूत्रों की माने तो बेरोजगारों को परीक्षा के लिये आर्थिक मदद देने की भी योजना बना रहे हैं।
अपनी पार्टी में अलग थलग पड़े वरुण गांधी पिछले कुछ समय से किसानों, बेरोजगारों, छोटे दुकानदारों, व्यापारियों, नोकरी पेशा लोगों की परेशानियों को अपने ट्वीट के माध्य्म से उठा रहे हैं। पिछले 4 माह में उनके द्वारा किये गए करीब 32 ट्वीट से ही उनके अगले कदम के संकेत मिलते हैं। इन ट्वीट के माध्य्म से वह अपनी सरकार के खिलाफ अभी तक सीधा हमला बोलने से बचे हैं, लेकिन नीतियों की जरूर उन्होंने खुलकर आलोचना की है।
किसानों की समस्यायों को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख दो तीन बार ध्यान भी आकर्षित किया था। सरकार के खिलाफ सीधे नही बोले, लेकिन किसानों पर हुये अत्याचारों की आलोचना से नही चूके। इसी तरह पेपर लीक होने और उसके बाद युवा बेरोजगारों पर हुए अत्याचारों की जमकर आलोचना की। नया अभियान भी कुछ ऐसा ही होगा। जनहित के खिलाफ सरकारं की जो भी नीति होगी उसके खिलाफ वह बोलेंगे जरूर।
सूत्रों की माने तो देशभर के अभियान में अलग अलग राज्यों के नोजवानों से उनके राज्य में ही जा कर सीधा संवाद करेंगे। किसानों, छोटे दुकानदारों, व्यापारियों से भी मिलेंगे। सरकारी कर्मचारियों की यूनियनों से भी बात करेंगे। उल्लेखनीय है वरुण गांधी ने 2016 से 2018 के बीच मे देशभर में अलग अलग विश्वविद्यालयों का दौरा कर नोजवानों से सीधा संवाद किया था। फिर उसी तरह का यह अभियान हो सकता है। वरुण ने यूपी चुनाव के समय किसानों के समर्थन में आवाज उठा एक तरह से अपनी सरकार के नये कृषि कानूनों की आलोचना की थी।
उसके बाद से वे लगातार सक्रिय हैं। पिछले कुछ दिनों से अलग अलग राज्यों में पेपर लीक हो रहे, नोजवानों की उपेक्षाओं को लेकर उन्होंने ट्वीट के माध्य्म से चिंता जता सरकारों की नीतियों पर सवाल उठाए । नोकरी पेशा वालो के लिये उन्होंने ट्वीट के माध्य्म से पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने का समर्थन किया।पुरानी पेंशन बहाली के लियेआंदोलन की राह में उतरे आंदोलनकारियों को उन्होंने ट्वीट के माध्य्म से समर्थन भी दिया। वरुण की कोशिश है कि हर उस वर्ग को साथ लिया जाए जो सरकार की गलत नीतियों के चलते उपेक्षित है।
इसमें कोई दो राय नही है कि बेरोजगारी, महंगाई से हर वर्ग परेशान है। हालांकि वरुण अभी कुछ भी खुलकर नही बोल रहे हैं, लेकिन संकेत यही हैं कि वह सड़क से संसद तक बेरोजगारों, किसानों और नोकरी पेशा लोगों की आवाज उठाएंगे।यूपी चुनाव के समय किसान आंदोलन के समर्थन में उतरने के बाद से उनको लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
कभी उनके कांग्रेस में तो कभी टीएमसी में जाने की चर्चाएं होती रही हैं। लेकिन अभी तक ऐसा कुछ हुआ नही। हालांकि टीएमसी कोशिश में है कि उत्तर भारत के लिये कोई बड़ा चेहरा मिल जाए । जहां तक कांग्रेस की बात है तो पार्टी का एक बड़ा धड़ा चाहता तो है कि वरुण कांग्रेस में आ जाएं। लेकिन अभी फिलहाल लगता नहीं है कि वरुण किसी पार्टी के साथ जुड़ेंगे। लेकिन सरकारों की गलत नीतियों के खिलाफ वह खुद ही आवाज उठाएंगे ।
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