India News (इंडिया न्यूज), Income Tax: कांग्रेस पार्टी आयकर नियमों के उल्लंघन के मामले में 210 करोड़ रुपये जब्त करने की बात कर रही है, लेकिन आयकर विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि विभाग ने कांग्रेस के बैंक खातों से केवल 135।06 करोड़ रुपये ही बरामद किए हैं। इनमें से 102,66,69,925 रुपये बकाया कर के हैं और 32,40,19,059 रुपये बकाया से संबंधित ब्याज के हैं।

सारी बरामदगी कांग्रेस के खाते से दिल्ली स्थित विभिन्न बैंकों की शाखाओं में की गई है। दिल्ली से बाहर स्थित कांग्रेस के किसी भी बैंक खाते से कोई वसूली नहीं की गई है। कांग्रेस के देशभर के बैंकों में खाते हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक यह वसूली 13 फरवरी से 16 मार्च के बीच की गई है और कोई भी खाता फ्रीज नहीं किया गया है। कांग्रेस अपने सभी खातों से अपना संचालन कर सकती है।

जानिए क्या है पूरा मामला?

विभागीय सूत्रों का कहना है कि निर्धारण वर्ष 2018-19 से संबंधित कर बकाया के मामले में 135 करोड़ रुपये की वसूली की गयी है। आयकर अधिनियम की धारा 13ए के तहत सभी राजनीतिक दलों को विभिन्न स्रोतों से होने वाली आय पर आयकर से पूरी तरह छूट दी गई है, लेकिन यह छूट तभी दी जा सकती है, जब राजनीतिक दल धारा 13ए से संबंधित नियमों का पालन करें। । इन नियमों में समय पर रिटर्न दाखिल करना और 2000 रुपये से अधिक नकद में दान स्वीकार नहीं करना भी शामिल है।

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कांग्रेस ने इन दोनों नियमों का किया उल्लंघन

कांग्रेस द्वारा इन दोनों नियमों का उल्लंघन किया गया। वित्तीय वर्ष 2017-18 या आकलन वर्ष 2018-19 के लिए रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 30 सितंबर, 2018 थी। विभाग ने 30 दिसंबर, 2018 तक रिटर्न दाखिल करने की अनुमति दी थी। लेकिन कांग्रेस ने फरवरी 2019 में रिटर्न दाखिल किया। दूसरा कांग्रेस की गलती यह रही कि इस दौरान 14 लाख रुपए नकद लिए गए और यह बात खुद कांग्रेस ने भी स्वीकार की है। वहीं कोई भी पार्टी 2,000 रुपये से ज्यादा नकद चंदा नहीं ले सकती।

कांग्रेस को आयकर देनदारी जारी

इन दोनों गलतियों के कारण, कांग्रेस को आकलन वर्ष 2018-19 में धारा 13 ए के तहत आयकर से छूट नहीं दी गई और उस वर्ष कांग्रेस की आय के अनुसार, 6 जुलाई, 2021 तक यह 105,17,29,635 रुपये थी। रुपये की आयकर देनदारी का नोटिस। कांग्रेस को दे दिया गया। 6 अक्टूबर, 2021 को कांग्रेस ने इस नोटिस के खिलाफ आयकर आयुक्त स्तर पर अपील की। 28 अक्टूबर 2021 को कांग्रेस की अपील खारिज कर दी गई और कांग्रेस को बकाया रकम का 20 फीसदी यानी करीब 21 करोड़ रुपये जमा करने को कहा गया। लेकिन कांग्रेस ने 21 करोड़ रुपये जमा नहीं किये और 4 सितंबर 2022 को कांग्रेस की ओर से 78,05,690 रुपये जमा किये गये।

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राशि जमा नहीं होने पर विभाग को यह अधिकार

सूत्रों के मुताबिक 20 फीसदी रकम जमा नहीं करने पर आयकर विभाग को पूरी रकम वसूलने का अधिकार है। चूंकि कांग्रेस ने अपील के दौरान 20 प्रतिशत राशि जमा नहीं की थी, इसलिए 9 जनवरी, 2023 को कांग्रेस को 104 करोड़ रुपये का बकाया जमा करने के लिए फिर से नोटिस दिया गया। इधर 28 मार्च को कमिश्नर स्तर की अपील ने कांग्रेस की अपील खारिज कर दी। 24 मार्च 2023 को कांग्रेस इस मामले को लेकर इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल में गई और 11 अक्टूबर 2023 को कांग्रेस ने 1,72,54,020 रुपये जमा कराए।

कांग्रेस की अपील खारिज

मामले की सुनवाई के बाद अपीलीय न्यायाधिकरण ने टैक्स मांग पर रोक की याचिका खारिज कर दी और कांग्रेस इस फैसले के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट चली गई। 13 मार्च को हाई कोर्ट ने भी उनकी अपील खारिज कर दी। कर निर्धारण वर्ष 1994-95 के लिए 53 करोड़ रुपये की मांग आयकर सूत्रों के मुताबिक, कर निर्धारण वर्ष 1994-95 से जुड़े मामले में कांग्रेस को आयकर और उससे जुड़ा ब्याज भी देना है। 53 करोड़ रुपये की देनदारी है और संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट में है। मामले की अगली सुनवाई 1 अप्रैल को है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, टैक्स संबंधी विभिन्न सर्च में कांग्रेस से जुड़े मिले सबूतों के आधार पर असेसमेंट ईयर 2014-15 से लेकर असेसमेंट ईयर 2020-21 तक के रिटर्न के पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। शुरु हो गया है।

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