India News (इंडिया न्यूज), Waqf Amendment Bill: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव दिल्ली के एम्स में भर्ती हैं। उनकी पीठ की चोट की सर्जरी हुई, जो सफल रही। सर्जरी के बाद उन्हें आईसीयू से जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। इस बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उनके अकाउंट से एक पोस्ट किया गया है। इसमें केंद्र सरकार पर हमला बोला गया है। पोस्ट में लिखा है, संघी-भाजपाई मूर्खों…तुम मुसलमानों की जमीन हड़पना चाहते हो लेकिन हमने हमेशा वक्फ की जमीनों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाए हैं और उन्हें बनाने में मदद की है।
इसी पोस्ट में आगे कहा गया है, मुझे अफसोस है कि अल्पसंख्यकों, गरीबों, मुसलमानों और संविधान को चोट पहुंचाने वाले इस मुश्किल दौर में मैं संसद में नहीं हूं, वरना मैं अकेला ही काफी था। भले ही मैं सदन में नहीं हूं, लेकिन मैं आपके विचारों, सपनों, विचारों और चिंताओं में हूं, यह देखकर अच्छा लगता है। अपनी विचारधारा, नीति और सिद्धांतों पर प्रतिबद्धता, दृढ़ता और स्थिरता ही मेरे जीवन की संचित पूंजी है।
Waqf Amendment Bill
संघी-भाजपाई नादानों,
तुम मुसलमानों की जमीनें हड़पना चाहते हो लेकिन हमने सदा वक़्फ़ की जमीनें बचाने के लिए कड़ा कानून बनाया है और बनवाने में मदद की है।
मुझे अफ़सोस है कि अल्पसंख्यकों, गरीबों, मुसलमानों और संविधान पर चोट करने वाले इस कठिन दौर में संसद में नहीं हूँ अन्यथा अकेला ही… pic.twitter.com/FqgyQpHc5F
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) April 3, 2025
दूसरी ओर, सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर राज्यसभा में कहा कि यह विधेयक राष्ट्रहित में है। इसका उद्देश्य भू-माफियाओं को रोकना है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संसद के उच्च सदन में कहा कि मौजूदा वक्फ कानून का दुरुपयोग किया जा रहा है, जिससे मुसलमानों को नुकसान हो रहा है और भू-माफियाओं को फायदा हो रहा है। यह विधेयक किसी खास पार्टी या वोट बैंक को ध्यान में रखकर नहीं लाया गया है, बल्कि वक्फ संपत्तियों के उचित प्रबंधन और जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है।
उन्होंने विपक्ष पर मुद्दे को भटकाने और गलत चर्चा कराने की कोशिश करने का आरोप लगाया। विपक्ष के इस आरोप को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन नहीं कर रही है। इस पर नड्डा ने कहा कि इस विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में व्यापक चर्चा हुई थी। उन्होंने कहा कि 2013 में यूपीए सरकार के दौरान गठित जेपीसी में केवल 13 सदस्य थे, जबकि मोदी सरकार की जेपीसी में 31 सदस्य हैं।