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Warning On Corona Capsule: संभलकर करें 'मोलनुपिराविर' दवा का इस्तेमाल

Suman Tiwari • LAST UPDATED : January 11, 2022, 4:07 pm IST

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Warning On Corona Capsule: देश में कोरोना के मामले अचानक तेजी से बढ़े हैं। तीसरी लहर से लोगों में टेंशन बढ़ गई है। हालांकि, बड़ी संख्या में लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है, और वैक्सीनेशन चल भी रहा है। इसके अलावा (Coronavirus) कोरोना की दवा भी बन गई है। इस एंटी-वायरल ड्रग को हाल में दवा नियामक ने मंजूरी भी दी है, लेकिन आज मंगलवार को नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप आन इम्युनाइजेशन (एनटीएजीआई) ने एंटीवायरल ड्रग्स मोलनुपिराविर के इस्तेमाल को लेकर एक बड़ी सलाह दी है। इसमें एनटीएजीआइ के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा कि ‘मोलनुपिराविर‘ ड्रग मरीजों को हॉस्पिटलाइजेशन और आईसीयू में भर्ती होने से बचाती है।

Molnupiravir: उन्होंने कहा कि ये दवा बुजुर्गों को दी जानी चाहिए। खासतौर से उन बुजुर्गों को जो पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। लेकिन, साथ ही उन्होंने यह भी सलाह दी कि ये ड्रग प्रजनन की उम्र वालों को नहीं दी जानी चाहिए। (Anti-COVID Drug Molnupiravir) उन्होंने चेतावनी दी है कि मोलनुपिराविर का बेवजह इस्तेमाल खतरनाक साबित हो सकता है। पिछले साल 2021 दिसंबर में स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस एंटी वायरल ड्रग के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दी थी। हेल्थ एक्सपर्ट्स का दावा है कि यह दवा कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन पर भी कारगर है।

कितनी कारगर है मोलनुपिराविर

इंदौर के मुताबिक जिन मरीजों में शुरूआती लक्षण थे, उन्हें मोलनुपिराविर देने से हालत में सुधार देखा गया। डॉक्टरों का मानना है कि शुरूआत में यदि यह दिया जाए, संक्रमण अधिक फैलने से रोका जा सकता है। इस स्थिति में यह दवा 70 फीसी से 80 फीसदी तक प्रभावी है।

वैक्सीन नहीं, ओरल ड्रग है मोलनुपिराविर

मोलनुपिराविर को सर्दी-जुकाम के मरीजों के लिए बनाया गया था। यह वैक्सीन नहीं, बल्कि ओरल ड्रग है। इसे फार्मा कंपनी मर्क और रिजबैक ने बनाया है। अब इसका इस्तेमाल कोरोना मरीजों पर भी किया जा रहा है। इसे कोरोना से संक्रमित 18 साल से ज्यादा उम्र के गंभीर मरीजों को दिया जाएगा। मोलनुपिराविर दवा वायरस के जेनेटिक कोड में गड़बड़ी कर उसकी फोटोकॉपी होने से रोकती है। ये कैप्सूल्स का एक कोर्स होगा।

अमेरिका और ब्रिटेन में हो रहा इस्तेमाल

मोलनुपिराविर का इस्तेमाल अभी ब्रिटेन और अमेरिका में हो रहा है। ब्रिटिश हेल्थ एजेंसियों का दावा है कि यह सेफ और इफेक्टिव है। भारत में यह कैप्सूल केवल उन मरीजों को दिया जाएगा, जिनका आॅक्सीजन लेवल 93 फीसदी से ज्यादा है और जिनमें कोरोना के गंभीर लक्षण हैं। यह डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन के बिना नहीं दी जा सकेगी।

अमेरिका में बच्चों को दी जा रही पैक्सलोविड

अमेरिका ने फाइजर की कोविड-19 दवा पैक्सलोविड को भी मंजूरी दी है। यह कोरोना से लड़ने वाली ये दुनिया की पहली ओरल एंटीवायरल पिल है। पैक्सलोविड को मंजूरी देने के एक दिन बाद ही अमेरिका ने मोलनुपिराविर को भी मंजूरी दे दी थी। पैक्सलोविड गंभीर बीमारी की स्थिति में 12 साल के बच्चों और बड़ों को दी जा सकती है।

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