Weather Today 2nd April Update

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:

Weather Today 2nd April Update मौसम विभाग ने इस बार गर्मी को लेकर जिस तरह की भविष्यवाणी की है, उसी हिसाब से मौसम में बदलाव हो रहा है और देश में कई जगह ज्यादातर मैदानी इलाकों में भीषण गर्मी ने 70 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मार्च में तापमान 40 को पार कर गया है। इस सप्ताह बुधवार को तापमान महाराष्ट्र के चंद्रपुर में 44.2 और अकोला में 43.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो देश में सबसे अधिक है। देश की राजधानी दिल्ली के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और पूर्वी राजस्थान में तीन दिन तक तापमान लगातार 40 डिग्री से ज्यादा दर्ज किया गया।

हरियाणा : गुरुग्राम में रिकॉर्ड तापमान 40.5 डिग्री

हरियाणा के गुरुग्राम में मार्च में भीषण गर्मी ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। शहर में रिकॉर्ड तापमान 40.5 डिग्री दर्ज किया। वहीं फरीदाबाद में हफ्ते भर में ही पारा रिकॉर्ड 41.1 डिग्री रहा। पंजाब के मुक्तसर में बुधवार को पारा 40.3 डिग्री से ज्यादा रहा। राजस्थान के 28 क्षेत्रों में तापमान 40 डिग्री के पार दर्ज किया गया। वहीं यूपी के 18 मुख्य सिटी में पारा 40 डिग्री से ज्यादा दर्ज किया गया। इसी के साथ यूपी के चित्रकूट जिले में तापमान 43 डिग्री तक दर्ज किया गया।

एक दशक में इन राज्यों में पारा 40 से ज्यादा, बसंत गायब

आंध्रप्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना में इलाकों में गर्मी का नया रिकार्ड बना है। ऐसा पहली बार है जब मार्च में इन राज्यों में तापमान 40 डिग्री से अधिक दर्ज किया गया है। एक दशक में तापमान इतना दर्ज किया गया। मार्च में इतनी भीषण गर्मी पड़ी जिसका अंदाजा शायद ही किसी को हो। ठंड के बाद बंसत का सुहाना मौसम आता है लेकिन इस बार बसंत का एहसास ही नहीं हुआ। गर्मी ने बंसत को गायब ही कर दिया।

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उत्तर भारत : ला-नीना के कारण प्रचंड गर्मी

मौसम विभाग का कहना है कि ला-नीना के चलते उत्तर भारत में भीषण गर्मी पड़ी है। वैज्ञानिक दहिया ने बताया कि तेज गर्मी के दो कारण सामने आ रहे हैं। बता दें कि लांगटर्म में यह साल भी ला-नीना वर्ष है। ऐसे वर्षो में बहुत ज्यादा ठंड पड़ती है। मार्च में तापमान नॉर्मल से 8-10 डिग्री तक बढ़ जाता है। दहिया के अनुसार, हो सकता है कि पीक सीजन में तापमान ज्यादा न बढ़े। संभावित साइक्लोनिक सकुर्लेशन और पश्चिमी विक्षोभ के कारण बीच में बारिश का अनुमान है। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में एंटी साइक्लोनिक सकुर्लेशन का प्रभाव है, जो गर्मी बढ़ने का दूसरा कारण है। इससे हवा में नमी खत्म हो गई है और बादल नहीं बनते।

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