इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली।
Weather Update 15 April 2022 : उत्तर भारत में आने वाले दिनों में लोगों के लू से राहत मिलने की संभावना है। दरअसल, पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में बदलाव हो रहा है। भारतीय मौसम विभाग (Indian Meteorological Department) के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों में उत्तर पश्चिम भारत के अलग-अलग हिस्सों में लू की स्थिति बनीं रह सकती है।
आइएमडी (IMD) के मुताबिक 16 अप्रैल तक पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली के अलग-अलग स्थानों पर हीट वेव (Heat Wave) की संभावना है। इन इलाकों में 17 और 18 अप्रैल को और गंभीर लू चलने की संभावना है। हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार को कुछ स्थानों पर बारिश होने की संभावना है। 16 व 17 अप्रैल को धूप खिलेगी जबकि 18 अप्रैल से पश्चिमी विक्षोभ फिर सक्रिय होगा। 19 से 21 अप्रैल तक प्रदेश में बारिश की संभावना। इससे गर्मी से राहत मिलने के साथ सूखे से भी कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। वहीं पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, गुजरात और दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में लू की संभावना है।
इस बार अप्रैल की शुरुआत से ही गर्मी अपने चरम पर रही। पारा 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर पहुंच चुका है, जबकि अप्रैल माह में 16 दिन शेष हैं। अप्रैल के रिकॉर्ड से सिर्फ चार डिग्री दूर है पारा। मौसम विशेषज्ञों ने इस वर्ष अधिक गर्मी की आशंका जताई है। जिससे अप्रैल में भीषण गर्मी का रिकॉर्ड इस बार टूट भी सकता है। 22 अप्रैल 2010 का दिन अप्रैल के सबसे गर्म दिन के रूप में रिकॉर्ड है। उस दिन का अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस था। पिछली बार अप्रैल में 40 डिग्री से ऊपर के पांच दिन थे, इस बार 10 से अधिक होने का अनुमान।
स्काईमेट वेदर (Skymet Weather) के मुताबिक आज असम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। पूर्वोत्तर भारत के बाकी हिस्सों, केरल, तमिलनाडु, दक्षिण कर्नाटक और लक्षद्वीप में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और लद्दाख में कुछ स्थानों पर मध्यम बारिश हो सकती है। वहीं छत्तीसगढ़, दक्षिण ओडिशा, उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण मध्य महाराष्ट्र में छिटपुट हल्की बारिश संभव है।
मौसम विभाग के मुताबिक इस साल जून-सितंबर अवधि के दौरान अनुकूल ‘ला नीना’ (‘La Nina’) स्थिति बने रहने के अनुमान के साथ ही देश में लगातार चौथे साल दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य रहने की संभावना है। देश में 2019, 2020 और 2021 में भी चार महीने के दक्षिण-पश्चिम मानसून मौसम में सामान्य वर्षा हुई थी। आइएमडी (IMD) के अनुसार, इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान 1971-2020 की अवधि के 87 सेंटीमीटर दीर्घावधि औसत (LPA) के मुकाबले 96 से 104 प्रतिशत बारिश होने की संभावना है। विभाग ने कहा कि मात्रत्मक दृष्टि से जून से सितंबर तक मानसूनी वर्षा एलपीए (LPA) का 99 प्रतिशत रह सकती है जिसमें पांच प्रतिशत उतार-चढ़ाव की संभावना है।
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