India News (इंडिया न्यूज), Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है। पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल (डब्ल्यूबीएमसी) ने गुरुवार (19 सितंबर, 2024) को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष का पंजीकरण रद्द कर दिया है। क्योंकि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बलात्कार-हत्या मामले और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के सिलसिले में उनकी गिरफ्तारी की थी। बंगाल मेडिकल एक्ट 1914 के विभिन्न प्रावधानों के तहत उनका लाइसेंस रद्द कर दिया गया था।

घोष ने नोटिस का नहीं दिया जवाब

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के बंगाल चैप्टर ने पहले पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल से घोष का मेडिकल रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आग्रह किया था। पश्चिम बंगाल नगर निगम ने घोष को 7 सितंबर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें उनसे तीन दिनों के भीतर यह बताने को कहा गया था कि उनका पंजीकरण क्यों न रद्द किया जाए। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार घोष, जो वर्तमान में सीबीआई की हिरासत में हैं। उसने नोटिस का जवाब नहीं दिया। 

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संदीप घोष को कब किया गया गिरफ्तार?

कोलकाता रेप मर्डर केस के आरोपी संदीप घोष को गिरफ्तार किया गया था। उनपर आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या से संबंधित साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है। सीबीआई के रिमांड नोट में कहा गया है कि घोष और मंडल दोनों ने परिवार की दूसरी पोस्टमार्टम की मांग के बावजूद डॉक्टर के शव का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करने में मदद की। आईएमए ने पश्चिम बंगाल नगर निगम के अध्यक्ष और टीएमसी विधायक सुदीप्तो रॉय को लिखे पत्र में सवाल उठाया था। जिसमें उन्होंने परिषद द्वारा ऐसी कार्रवाइयों के लिए प्रावधान किए जाने के बावजूद घोष का मेडिकल पंजीकरण रद्द क्यों नहीं किया गया। आईएमए ने रॉय से घोष के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों को दरकिनार करने और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने का आह्वान किया।

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