India News(इंडिया न्यूज), Katchatheevu Row: कच्चातिवु द्वीप मामले को लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने आज (गुरुवार) राजनीतिक विवाद से दूरी बना ली। प्रवक्ता ने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हालिया मीडिया बातचीत के दौरान मामले से संबंधित सभी मुद्दों को स्पष्ट कर दिया है।

द्वीप को ज्यादा महत्व नहीं दिया

उन्होंने बताया कि1974 और 1976 में भारत और श्रीलंका द्वारा हस्ताक्षरित दो समझौतों के तहत, भारतीय समुद्र तट से लगभग 20 किमी दूर स्थित द्वीप समुद्री सीमा के श्रीलंकाई हिस्से में आता था। उस समय विपक्षी कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी और सरकार का नेतृत्व दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कर रही थीं। चूंकि तमिलनाडु में भाजपा के प्रमुख के अन्नामलाई ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के माध्यम से दस्तावेज प्राप्त किए हैं। जो यह संकेत देते हैं कि पिछली कांग्रेस सरकारों ने इस द्वीप को ज्यादा महत्व नहीं दिया था। जिसे लेकर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और जयशंकर ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। साथ ही डीएमके को इस मुद्दे से निपटने के लिए धन्यवाद किया है।

प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने क्या कहा

विदेश मंत्रालय ने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान प्रवक्ता रणधीर जयसवाल को कच्छथीवु द्वीप पर सवालों की झड़ी का सामना करना पड़ा। जयसवाल ने कहा कि “ विदेश मंत्री ने यहां दिल्ली में और गुजरात में भी प्रेस से बात की है और सभी मुद्दों को स्पष्ट किया है। मैं (पूछता हूं) कि आप कृपया उनकी प्रेस वार्ता को देखें – आपको अपने उत्तर वहां मिल जाएंगे।”