इंडिया न्यूज, Monkeypox in India: केरल के कोल्लम में देश के पहले मंकीपॉक्स के मामले की पुष्टि हुई है। वहीं इस पर केरल के स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के मुताबिक, अभी घबराने की जरूरत नहीं है। टीवीएम मेडिकल कॉलेज से मरीज के लक्षणों का पता चला था। मरीज के माता-पिता को तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज में निगरानी में रखा गया है। मरीज की हिस्ट्री विदेश से लौटने की है। केरल के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि उनके साथ यात्रा करने वाले लोगों में से किसी में भी अभी तक लक्षण विकसित नहीं हुए हैं। आइये जानते हैं क्या है ये वायरस और ये व्यक्तियों में कैसे फैलता है?
क्या है मंकीपॉक्स वायरस?
अमेरिका के सीडीसी के मुताबिक, यह एक दुर्लभ बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण के कारण होती है। यह ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस से संबंधित है जिसमें वेरियोला वायरस (जो चेचक का कारण बनता है), वैक्सीनिया वायरस (चेचक के टीके में प्रयुक्त), और काउपॉक्स वायरस शामिल हैं। अभी तक यह साफ नहीं हो पा रहा है कि इस वायरस का होस्ट कौन है, लेकिन अफ्रीकन रोडेंट और बंदर को इसके संचरण और संक्रमण का कारण माना जाता है। कहा जाता है कि मंकीपॉक्स की खोज 1958 में पहली बार हुई थी
व्यक्तियों में कैसे फैलता है?
पहले भी बताया कि मंकीपॉक्स वायरस एक जूनोटिक बीमारी है। इसमें जानवर से मानव में फैलने की क्षमता होती है। यह शरीर में त्वचा के घाव, श्वसन पथ, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से प्रवेश करता है। पशु से मानव में रोग का संचरण काटने, खरोंचने, घाव और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क के माध्यम से हो सकता है। इस रोग का मानव से मानव में फैलने की संभावना सीमित है, लेकिन संक्रमण श्वसन की बूंदों और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क के माध्यम से होता है।
मंकीपॉक्स के लक्षण क्या हैं?
आपको बता दें कि मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के तरह के होते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण जितने गंभीर नहीं। यह बीमारी बुखार, सिर दर्द मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, लिम्फ नोड्स में सूजन, ठंड लगना, और थकावट के साथ शुरू होती है। ऊष्मायन अवधि बुखार के 1 से 3 दिनों के बीच होती है। रोगी के शरीर पर चकत्ते विकसित होते हैं, जो चेहरे से शुरू होकर शरीर के अन्य भागों में फैलने लगते हैं। घाव, मैक्यूल, पपुल्स, वेसिकल्स, पस्ट्यूल और स्कैब के माध्यम से आगे बढ़ते हैं। रोग 2-4 सप्ताह तक रहता है।
कैसे बचें मंकीपॉक्स बीमारी से ?
विशेष रूप से मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण के लिए कोई उपचार नहीं हैं। हालांकि, मंकीपॉक्स और चेचक के वायरस आनुवंशिक रूप से समान हैं, जिसका अर्थ है कि चेचक से बचाव के लिए विकसित एंटीवायरल ड्रग्स और टीकों का उपयोग मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण को रोकने और इलाज के लिए किया जा सकता है।
यदि आपको मंकीपॉक्स के लक्षण हैं, तो आपको अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करनी चाहिए, भले ही आपको नहीं लगता कि आपने किसी ऐसे व्यक्ति से संपर्क किया है जिसे मंकीपॉक्स है।