India News (इंडिया न्यूज), One Nation One Election: लोकसभा में आज वन नेशन वन इलेक्शन बिल को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने पेश किया। बिल पेश करते ही सदन में जोरदार हंगामा और हो हल्ला शुरूहो गया। इसके बाद बिल को जेपीसी के लिए भेजा गया। एक देश एक चुनाव हिंदुस्तान के लिए जरूरी है और यह बात विपक्ष को समझ मे नहीं आ रही है क्योंकि इससे लाखों करोड़ों रुपए की बचत हो सकती है और इस पैसे का इस्तेमाल देश के इंफ्रास्ट्रक्चर और डेवलपमेंट के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
One Nation One Election पर विपक्ष ने क्या-क्या कहा? जानें Amit Shah का जवाब
2024 में जब मोदी सरकार बनी थी तो अपने पहले संबोधन में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अब वक्त आ गया है देश बड़े फैसले ले। इस समय ऐसा समझा जा रहा था कि वन नेशन वन इलेक्शन और जनसंख्या नियंत्रण कानून मोदी सरकार लायेगी। जिसकी शुरुआत अब शीतकालीन सत्र से हो गई है क्योंकि इस सत्र में केंद्रीय कानून मंत्री ने वन नेशन वन इलेक्शन(One Nation One Election) को पटल पर रखा और उससे पहले केंद्रीय कैबिनेट में एक देश, एक चुनाव को कैबिनेट की मंजूरी भी दी गई। हालांकि, विपक्ष इसका जमकर विरोध कर रहा है। राहुल गांधी हो या फिर प्रियंका गांधी या मल्लिकार्जुन खड़गे हो या चाहेअखिलेश यादव। विपक्ष के सभी नेता लोकसभा के अंदर विरोध करते नजर आए। अखिलेश यादव ने तो यहां तक कह दिया कि वन नेशन वन इलेक्शन देश को तानाशाही की ओर ले जाएगा। विपक्ष विरोध कर रहा है और अच्छे लोकतंत्र में इसे अच्छा साइन माना जाता है कि सत्ता को विपक्ष आईना दिखा रही हो, लेकिन जब बात देश की हो तो विपक्ष को भी सत्ता के साथ खड़ा होना ही चाहिए। परंतु वर्तमान लोकसभा में ऐसा होता दिख नहीं रहा है।
आपको बता दें की अखिलेश यादव और दूसरे राजनीतिक दल जो इंडिया गठबंधन का हिस्सा है। वह विरोध कर रहे हैं और विरोध की सबसे बड़ी वजह यह है कि जब देश में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव एक साथ होगा तो क्षेत्रीय दलों का नुकसान हो सकता है, क्योंकि तब मुद्दे राष्ट्रीय होंगे और इसी आधार पर जनता देश की सरकार चुनेगी। उस वक्त क्षेत्रीय मुद्दे और प्रदेश के मुद्दे गैर हो जाते हैं। जिससे क्षेत्रीय दलों को इस बात का खतरा है रहता है कि उनका नुकसान हो सकता है और उनका अस्तित्व खतरे में आ सकता है। यही वजह है कि क्षेत्रीय दल इस बिल का विरोध कर रहे हैं लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार यह तय कर चुकी है कि देश में अब वन नेशन वन इलेक्शन बिल ही लागू होगा। जिसे देश का लाखों- करोड़ रुपया बच पाएगा और जनता को हर 6 महीने पर जनता को चुनाव देने नहीं जाना पड़ेगा। यह तो तय है कि अब इस मुद्दे को लेकर पूरे देश में बहस छिड़ रही है,और सदन से लेकर सड़क तक विपक्ष का विरोध कर रहे है, लेकिन यह भी तय है कि सरकार अपनी बात पर टिकी है। लोकसभा राज्यसभा में इस बिल को पारित किया जाएगा और आने वाले समय पर लागू भी किया जाएगा। अब देखना यह होगा कि क्या विपक्ष के कुछ राजनीतिक दल सत्ता के साथ आते हैं या फिर यह विरोध ऐसे ही बना रहता है और इस विरोध के बीच एक देश एक चुनाव सदन से पारित होता है।
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