इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
विश्व में पिछले कुछ सालों से नई नई बीमारियां पैदा हो रही हैं। 2 साल पहले आए कोविड 19 के प्रकोप से दुनिया अभी पूरी तरह उबरी भी नहीं है कि एक और नई बीमारी आ खड़ी हुई है। ये बीमारी ज्यादातर छोटे बच्चों को प्रभावित कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक ब्रिटेन समेत 12 देशों में इसके 170 केस सामने आ चुके हैं। इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अभी से आगाह करना शुरू कर दिया है।
ये बीमार हेपेटाइटिस से संबंधित है। बच्चों के लीवर में इंफेक्शन के मामले तेजी से बड़े है। हेपेटाइटिस लीवर से जुड़ी बीमारी होती है। इस पीड़ित बच्चों के लीवर में सूजन आ जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक नए तरह के हेपेटाइटिस के 130 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। सबसे ज्यादा केस ब्रिटेन में मिले हैं।
इसके अलावा अमेरिका, इजराइल, डेनमार्क, आयरलैंड, नीदरैलैंड और स्पेन में भी इस रहस्यमय वायरस से संबंधित हेपेटाइटिस के मामले दर्ज किए गए हैं। हेपेटाइटिस के ये मामले इतने ज्यादा खतरनाक हैं कि कई बच्चों को तो लीवर प्रत्यारोपण तक की नौबत आ गई है।
WHO ने रहस्यमय बीमारी को लेकर अलर्ट
इस वायरस से अलर्ट करते हुए WHO ने कहा कि इस रहस्यमय बीमारी से एक बच्चे की मौत हो गई है। WHO ने कई देशों से मिले आंकड़ों के आधार पर इस रहस्यमयी हेपेटाइटिस की बीमारी के बारे में बताया है। इसके चलते छोटे बच्चों में यकृत में सूजन के गंभीर मामले देखने को मिल रहे हैं।
इन मामलों को लेकर इसलिए भी चिंता बढ़ रही है क्योंकि यह आमतौर पर होने वाले वायरस की वजह से नहीं हो रहा है। आमतौर पर हेपेटाइटिस होने के लिए ए, बी, सी, डी और ई वायरस जिम्मेदार होता है। WHO ने कहा कि वह मौजूदा हालात की बारीकी से निगरानी कर रहा है।
उनकी टीम ब्रिटिश हेल्थकेयर वर्कर्स के साथ मिलकर काम कर रही है। वहीं इस वायरस पर नजर रख रही बार्सिलोना की हीपैटोलॉजी की प्रोफेसर और यूरोपियन एसोसिएशन आफ दि स्टडी आफ दि लीवर पब्लिक हेल्थ कमेटी की प्रमुख मारिया बूटी का कहना है कि वैसे तो हेपेटाइटिस के ये मामले अभी बहुत कम हैं लेकिन ये सभी बच्चों से जुड़े हुए हैं। इसलिए यह चिंता का विषय है।
एडीनोवायरस का नया म्यूटेंट तो जिम्मेदार नहीं
दूसरी ओर, हेपेटाइटिस के इन मामलों को लेकर पब्लिक हेल्थ स्कॉटलैंड के निदेशक जिम मैक्मिनेमिन का कहना था कि पहले से ही एक शोध किया जा रहा था कि कहीं हेपेटाइटिस को और गंभीर बनाने के पीछे एडीनोवायरस का नया म्यूटेंट तो जिम्मेदार तो नहीं है। वैज्ञानिक जांच में जुटे हैं कि कहीं किसी और वायरस के साथ मिल जाने से ये समस्या और गंभीर तो नहीं हो रही है।
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