India News (इंडिया न्यूज), Mpox Vaccine: एम्पॉक्स वायरस ने कई देशों में चिंता बढ़ा दी है। इसके इलाज के लिए WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने वैक्सीन को पहली मंजूरी दे दी है। WHO ने शुक्रवार को कहा कि उसने वयस्कों में एम्पॉक्स के इलाज के लिए वैक्सीन के इस्तेमाल को पहली मंजूरी दे दी है। अफ्रीका और दूसरे देशों में इस बीमारी से निपटने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। यहां एम्पॉक्स का खतरा सबसे ज्यादा है। ऐसे देशों में सबसे पहले टीकाकरण किया जाएगा।

एम्पॉक्स वायरस के इलाज के लिए वैक्सीन को मंजूरी मिलने का मतलब है कि GAVI वैक्सीन अलायंस और यूनिसेफ इसे खरीद सकते हैं। लेकिन, इसकी आपूर्ति सीमित है क्योंकि इस वैक्सीन का निर्माता एक ही है। WHO के महानिदेशक ने कहा कि एम्पॉक्स के इलाज के लिए वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी मिलना इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई में एक अहम कदम है।

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इतनी उम्र के व्यक्ति को मिलेगा वैक्सीन

WHO की इस अनुमति के बाद अब 18 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों को दो खुराक वाली वैक्सीन दी जा सकेगी। अफ्रीका रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र के अधिकारियों ने पिछले महीने बताया था कि कांगो में करीब 70 फीसदी मामले 15 साल से कम उम्र के बच्चों में पाए गए हैं। कांगो मंकीपॉक्स से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। अफ्रीका के कई हिस्सों में मंकीपॉक्स के बढ़ते दायरे को देखते हुए पिछले महीने डब्ल्यूएचओ ने दूसरी बार मंकीपॉक्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था। भारत में भी मंकीपॉक्स वायरस से पीड़ित एक व्यक्ति मिला है। उसका इलाज एलएनजेपी (लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल) में चल रहा है।

संक्रमण प्रभावित देश से लौटा युवक

एलएनजेपी के चिकित्सा निदेशक सुरेश कुमार ने गुरुवार को बताया कि मरीज का इलाज चल रहा है। उसकी हालत में सुधार हो रहा है। मंकीपॉक्स एक डीएनए वायरस है। इसके दाने आमतौर पर हथेलियों, तलवों और त्वचा पर निकलते हैं। मरीज की हालत में सुधार हो रहा है। इस वजह से घबराने की जरूरत नहीं है।

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