IndiaNews (इंडिया न्यूज), Bhavesh Bhandari: गुजरात के एक जैन कपल ने लगभग 200 करोड़ रुपए दान करके, भिक्षु बनने का फैसला लिया है। फरवरी में, भावेश भंडारी और उनकी पत्नी ने एक औपचारिक समारोह में अपनी सारी संपत्ति दान दे दी। रिपोर्टों के अनुसार, इस महीने के अंत में वे औपचारिक रूप से त्यागपूर्ण जीवन जीने के अपने इरादे की घोषणा करेंगे। आइए जानते हैं कौन हैं भावेश भंडारी…

  • भावेश भंडारी गुजरात के रहने वाले हैं जो साबरकांठा के एक अच्छे परिवार से आते हैं।
  • उन्होंने कंनट्रक्शन इंडस्ट्री में काम किया और साबरकांठा और अहमदाबाद दोनों में प्रोजेक्ट को मैनेज किया।
  • न्यूज नाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, भंडारी और उनकी पत्नी ने 200 करोड़ रुपए का दान दिया और दीक्षा लेने का फैसला किया है। दीक्षा एक समारोह है जहां एक व्यक्ति औपचारिक रूप से एक तपस्वी या आध्यात्मिक रूप से अनुशासित जीवन जीने के लिए संकल्प लेता है।
  • भंडारी का एक बेटा और एक बेटी है, जिन्होंने 2022 में दीक्षा ली।
  • चूंकि उनके पूरे परिवार ने दीक्षा ले ली है, इसलिए वे सभी साधारण जीवन जीएंगे और उन्होंने एयर कंडीशनर, पंखे, बिस्तर, किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और लक्जरी चीजें भी त्याग दी हैं।
  • खबर है कि 22 अप्रैल को भंडारी दंपत्ति को औपचारिक रूप से दीक्षा लेंगे।

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इन्होंने भी अपनाया संन्यास का रास्ता

इससे पहले, गुजरात की एक नौ वर्षीय लड़की, जो एक अमीर हीरा व्यापारी की बेटी थी, ने भौतिक सुख-सुविधा के बजाय साधु बनने का विकल्प चुना। धनेश और अमी सांघवी की सबसे बड़ी बेटी देवांशी ने सूरत के वेसु इलाके में जैन भिक्षु आचार्य विजय कीर्तियशसूरी समेत सैकड़ों लोगों के सामने दीक्षा ली। ज़ी न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, उनके पिता सूरत स्थित हीरा पॉलिशिंग और निर्यात कंपनी सांघवी एंड संस के मालिक हैं, जो लगभग तीस वर्षों से कारोबार में है।

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