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कत्लेआम करवाने वाले लॉरेंस बिश्नोई को पुलिस ने क्यों दिया सुरक्षा कवच, सलाखों के पीछे से कैसे फैला रहा आतंक?

India News (इंडिया न्यूज), Who Is Lawrence Bishnoi: मुंबई में 12 अक्टूबर को एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस मामले में पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। वहीं लॉरेंस बिश्नोई एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। दरअसल, इस हत्याकांड की जिम्मेदारी एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए जिम्मेदारी ली है। बता दें कि, करीब दो दशक की शांति के बाद, मुंबई में अंडरवर्ल्ड गिरोह का खौफ देखने को मिल रहा है। पंजाब और दिल्ली में खून-खराबा करने वाला लॉरेंस बिश्नोई गैंग भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहा है। 90 के दशक के बॉम्बे के बाद, दिल्ली में गैंगवार सड़कों पर फैलते हुए दिखाई दिए। खास बात यह है कि लॉरेंस जेल के अंदर से अपने गिरोह के जरिए उत्पात मचा रहा है।

क्या मुंबई में फिर लौटा अंडरवर्ल्ड?

बता दें कि, मुंबई पुलिस के द्वारा अंडरवर्ल्ड पर शिकंजा कसने के बाद दाऊद इब्राहिम और उसके गुर्गों के नेतृत्व में गिरोह का स्थान लगभग खाली हो गया था। साल 1993 के बॉम्बे ब्लास्ट के बाद दाऊद भारत से भाग गया और विदेश से अपनी डी-कंपनी चलाता रहा। सिर्फ दाऊद इब्राहिम ही नहीं, छोटा शकील, अबू सलेम और छोटा राजन जैसे डॉन भी भारत से भाग गए थे। वहीं पुलिस मुंबई की सड़कों पर फैले गैंगवार को खत्म करने में कामयाब रही, लेकिन सबसे बड़ा आरोप यह लगा कि वह अपराधियों को भारत वापस लाने में विफल रही है। हालांकि इसमें कई एजेंसियों और विदेश मंत्रालय की भी भूमिका हो सकती थी।

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लॉरेंस का सुरक्षा कवच क्या है?

गौरतलब है कि, लॉरेंस बिश्नोई जेल के अंदर से बैठ कर पुरे देश में अपने गिरोह के जरिए उत्पात मचा रहा है। दरअसल, यह सिर्फ एक या दो महीने का मामला नहीं है। बिश्नोई 2014 से जेल में है। यह एक जेल की कहानी नहीं है। बिश्नोई कम से कम तीन अलग-अलग जेलों में रहा है। वहीं कठोर UAPA के तहत आरोपित एक खूंखार अपराधी जेल से बेखौफ कैसे काम कर सकता है? इससे सबसे बड़ा सवाल उठता है कि लॉरेंस बिश्नोई का ‘सुरक्षा कवच’ क्या है?
बिश्नोई अपने द्वारा बनाए गए मजबूत गठबंधनों और नेटवर्क का उपयोग कर रहा है, जिसमें खालिस्तान समर्थक समूहों के साथ संबंध भी शामिल हैं, जैसा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने खुलासा किया है। वहीं लॉरेंस सहयोगियों के संपर्क में रहने के लिए वीओआईपी और डब्बा कॉलिंग जैसी उन्नत संचार विधियों का उपयोग करता है, वह रणनीतिक रूप से जमानत आवेदनों से बचता है। भारत के अपराध परिदृश्य का निर्विवाद गैंगस्टर जेल अधिकारियों की मिलीभगत के बिना काम कर सकता है। दरअसल, कनेक्शन और तंत्र का यह जटिल जाल उसके सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करता है। जिससे लॉरेंस बिश्नोई सलाखों के पीछे से अपराध को अंजाम देना जारी रखता है।

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Raunak Pandey

रौनक पांडे बिहार की माटी से निकलकर दिल्ली में पत्रकारिता को सीख और समझ रहे हैं. पिछले 1.5 साल से डिजिटल मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर सक्रिय हैं। अंतराष्ट्रीय और राष्ट्रीय राजनीति पर लिखना पसंद है.

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