इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
विश्व स्वास्थ्य संगठन इसी सप्ताह भारत में तैयार कोवैक्सिन को मंजूरी दे सकता है। WHO से मंजूरी मिलने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इसे वैक्सीन पासपोर्ट की तरह इस्तेमाल किया जा सकेगा। अभी तक WHO का एप्रूवल न मिलने के कारण जिन लोगों को कोवैक्सिन लगी है, वे विदेश यात्रा नहीं कर पा रहे थे। कोवैक्सिन को भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च ने बनाया है। फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल्स के बाद कंपनी ने दावा किया था कि वैक्सीन की क्लिनिकल एफिकेसी 78% है। यानी यह कोरोना इन्फेक्शन को रोकने में 78% इफेक्टिव है। लेकिन परीक्षण नतीजों से जुड़े डेटा के देर से प्रकाशित होने की वजह से अब तक कोवाक्सिन को संगठन से मंजूरी नहीं मिल पाई थी।
हालांकि WHO के वरिष्ठ अधिकारी ने पिछले महीने ही कहा था कि भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवाक्सिन को आपातकालीन मंजूरी देने पर सितंबर अंत तक फैसला लिया जा सकता है। अभी तक भारत में इस्तेमाल हो रही वैक्सीन कोविशील्ड और स्पूतनिक को डब्ल्यूएचओ की ओर से मंजूरी मिल चुकी है।