India News (इंडिया न्यूज़), Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के राजनीति में लोकसभा चुनाव के बाद काफी उतार-चढ़ाव का दौर देखने को मिल रहा है। राजनीतिक गलियारों में एक बात की काफी जोरों से चर्चा है कि संगठन बड़ा है या सरकार। पिछले दिनों राजधानी लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश के कार्यकर्ताओं का सम्मेलन बुलाया और इस सम्मेलन में काफी कुछ देखने को मिला। सम्मेलन में संगठन और सरकार के बीच तलवार खींची दिखी और दोनों ही अलग-अलग नजर खेमे में खड़े नजर आए। इस सम्मलेन में एक बयान जो काफी चर्चा में आया वो था डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का, जिन्होंने कहा, संगठन सरकार से बड़ा है और आगे भी रहेगा। इस बयान के बाद यूपी बीजेपी की राजनीति में एक बार फिर बहस छिड़ गई और इस बहस में निशाने पर थे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

सरकार बड़ा या संगठन

लखनऊ में यूं तो बीजेपी के कार्यकर्ता सम्मेलन को लोकसभा चुनाव में यूपी में पार्टी की हार की समीक्षा के लिए बुलाया गया था पर इस सम्मेलन में सरकार और संगठन के बीच एक अलग ही बहस को जन्म दे दिया।एक तरफ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य खड़े नजर आए तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। सम्मेलन में योगी आदित्यनाथ के निशाने पर कहीं ना कहीं संगठन रहा। योगी ने अपने भाषण में उन्होंने, “अति आत्मविश्वास” शब्द का इस्तेमाल किया।सीएम योगी ने कहा कि चुनाव के नतीजों से किसी को बैकफुट पर जाने की जरूरत नहीं है।अपने संदेश में उन्होंने यह साफ कर दिया था कि वह भी बैकफुट पर नहीं जाने वाले।

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सीएम योगी की टीम में जगह नहीं

वहीं यूपी बीजेपी में मचे राजनीतिक उठापटक के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक अहम फैसला लिया। दरअसल, सीएम योगी ने उपचुनाव के लिए 30 मंत्रियों की अपनी टीम बनाई। सीएम योगी के इस स्पेशल 30 में दोनों डिप्टी सीएम शामिल नहीं हैं। बता दें कि लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद सीएम योगी के सामने सबसे बड़ी चुनौती उत्तर प्रदेश के 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में पार्टी को जीत दिलाना है।उपचुनाव में जीत हासिल कर लोकसभा में हुए नुकसान की भरपाई करने की बीजेपी की तैयारी है। इसके लिए ही सीएम योगी ने स्पेशल 30 की एक टीम भी तैयार की है। जिसमें दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक को जगह नहीं दी गई है।

अखिलेश की अपनी अलग चाल

एक तरफ लोकसभा चुनाव के बाद यूपी बीजेपी में हलचल मची हुई है तो दूसरी तरफ 2024 में समाजवादी पार्टी को मिली अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी के बाद अखिलेश भी पूरे फॉर्म में नजर आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों में सपा यूपी की सबसे बड़ी पार्टी बनकर तो उभरी ही है बल्कि देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी भी बन गई है।इस नतीजों से उत्साहित अखिलेश यादव यूपी बीजेपी में मचे हलचल पर तंज कसने पर भी नहीं चूक रहे हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंने केशव प्रसाद मौर्य को सीएम बनाने तक का मानसून ऑफर तक दे दिया। वहीं लोकसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करने के बाद अब अखिलेश यादव की नजर उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव पर लगी हुई है।

लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में काफी उठापटक का दौर देखने को मिला है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने जो भी बातें कहीं वो एक तरह से सीएम योगी को चैलेंज थीं। हालांकि योगी ने भी इसका जवाब अपने ही अंदाज में दिया। फिलहाल उत्तर प्रदेश में अब सबकी नजर उपचुनाव पर टिकी हुईं है। उपचुनाव के नतीजे सूबे की राजनीति में काफी कुछ तय करेंगे।

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