India News (इंडिया न्यूज),Aniruddhacharya Interview With India News: कथावाचक अनिरुद्धाचार्य का इंडिया न्यूज़ के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू हुआ। जिसके अंदर उन्होंने कई विचारों को सामने रखा जो सोशल मीडिया पर आए दिन उनके बारे में वायरल होते रहते हैं। इंडिया न्यूज़ के एंकर आदित्य चौहान द्वारा पूछे गए सवालों का कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने बेबाकी से जवाब दिया। अब बात आई लोगों के गुटका खाने और शराब पीने से आखिर महाराज को इतनी दिक्कतें क्यों? तो इसपर भी महाराज ने बड़े ही तरीके के साथ अपना जवाब दिया जिसपर वह कुछ ऐसा बोले
गुटका खाने और शराब पीने वाले दो कौड़ी के लोग कैसे?
जब महाराज से हमारे रिपोर्टर ने पूछा कि लोग कहते हैं कि आप बात तो लॉजिकल करते हैं पर कभी-कभी ऐसा लगता है कि आप डांट की घुटी पिला रहे हैं, जो लोग गुटका खाते हैं और शराब पीते है उनको आप दो कौड़ी के लोग कहते है ये भाषा को आप और सलीके से कह सकते है? तो महाराज इसपर जवाब देते हैं कि जो लोग गुटका खाते हैं शराब पीते है उनको मैं दो कौड़ी के लोग न कहूं तो क्या बोलू। आप ही बताइए ऐसे लोग महापुरूष है क्या जो गुटका के पैकेट पर लिखे होने के बाद भी की इसको खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। तब भी यह लोग ये लाइन नहीं पड़ पा रहे है तो इन लोगों को दो कौड़ी ना कहें तो क्या इनको महापुरुष कहकर संबोधित किया जाए। जब गुटका बनाने वाली कंपनी ही कह रही है कि इसको खाओगे तो मरोगे इससे कैंसर हो सकता है। फिर भी आप पढ़े लिखे हो कर इस लाइन क्यों नहीं पढ पा रहे हैं।
अपने शरीर का ख्याल रखना हमारा कर्तब्य- अनिरुद्धाचार्य
शराब की बोतल में भी लिखा है कि शराब पीना भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है अगर आप पढ़े लिखे है तो यह लाइन क्यों नहीं पढ़ पाए। जो यह लाइन ना पढ़ पाए और अपने लिए सही फैसला न ले पाए कि शराब पीना सही है या नहीं तो उसको मैं दो कौड़ी का ना बोलूं तो क्या कहू। यदि शराब सही है तो कंपनीया क्यों लिखती है की इसको पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है फिर ये लिखना बंद करें और ये लिखे की शराब पीना स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है। ऐसा क्यों नहीं करती है कंपनीया और अगर यह हानिकारक है तो आप अपने लिए हानिकारक चीज क्यों खाते हैं। इस पर मै आपको समझदार कैसे बोलुं मै आपको दो कौड़ी का ही बोलुगां। आप है तो आपके बच्चे और आपका परिवार है आप नहीं तो आपका परिवार, पत्नी और बच्चो का क्या होगा । अपने शरीर का ख्याल रखना हमारा ही कर्तब्य है।