सीएम हिमंत बिस्व सरमा का कड़ा रुख
अभिषेक कर के इस बयान से असम के लोगों में आक्रोश फैल गया। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस को निर्देश दिया कि इस तरह की गलत जानकारी फैलाने के लिए कानूनी कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री कार्यालय ने यह स्पष्ट किया कि राज्य की छवि को धूमिल करने वाले किसी भी बयान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सोशल मीडिया पर अभिषेक कर की माफी
सीएम के हस्तक्षेप और कार्रवाई के आदेश के बाद अभिषेक कर ने सोशल मीडिया पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। उन्होंने कहा, “मेरा इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। आगे से मैं इस तरह के बयान देने से पहले पूरी सतर्कता बरतूंगा।”
अभिषेक कर कौन हैं?
अभिषेक कर एक प्रसिद्ध फाइनेंशियल इंफ्लुएंसर हैं, जो निवेश और स्टार्टअप जैसे विषयों पर अपनी राय और सुझाव साझा करते हैं। इंस्टाग्राम पर उनके करीब 3 मिलियन फॉलोअर्स हैं। उन्होंने अपने पॉडकास्ट में असम की सांस्कृतिक और पारंपरिक प्रथाओं पर चर्चा करते हुए यह विवादित दावा किया, जो बाद में विवाद का कारण बन गया।
विवाद का असर
इस घटना ने असम में जनता और प्रशासन का ध्यान खींचा। जहां एक ओर लोग इस बयान की निंदा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इस मुद्दे ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सामग्री साझा करते समय जिम्मेदारी से काम किया जा रहा है।
यह घटना इस बात का उदाहरण है कि किसी भी सार्वजनिक मंच पर बिना सटीक जानकारी के बयान देना कितना संवेदनशील हो सकता है और इसका सामाजिक और कानूनी असर कितना गंभीर हो सकता है।