देश

पुलिस को बिना बताए किशोरी ने गर्भपात की मांगी इजाजत, याचिका पर हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार से मांगा जवाब

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Without Telling Police) : पुलिस को बिना बताए किशोरी ने गर्भपात कराने की इजाजत दिल्ली हाईकोर्ट से मांगी है। हाईकोर्ट ने उक्त याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार से उनका रूख जानना चाहा है। इस किशोरी ने सहमति से अपने एक करीबी व्यक्ति के साथ संबंध बनाई थी।

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अगुवाई वाली बेंच ने इस नाबालिग लड़की की मां की याचिका पर नोटिस जारी किया एवं अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल से सुनवाई की अगली तारीख पर पेश होकर अदालत की मदद करने का अनुरोध किया। इस किशोरी को 18 सप्ताह का गर्भ है।

बेंच ने कहा कि गर्भपात में नहीं है कोई समस्या

मुख्य न्यायाधीश शर्मा और न्यायाधीश सुब्रमण्यम की बेंच ने कहा कि गर्भपात में कोई समस्या है ही नहीं क्योंकि नाबालिग के साथ यौन अपराध में पीड़िता की सहमति अर्थहीन होती है तथा बाल यौन अपराध संरक्षण कानून की धारा 19 के तहत निश्चित रूप से इस घटना के बारे में पुलिस को सूचित किया जाना चाहिए।

अदालत ने कहा कि यदि पीड़िता नाबालिग है तो यह अपराध है

अदालत ने कहा कि यदि पीड़िता नाबालिग है तो यह एक अपराध है। इस मामले की सूचना पुलिस को दी जानी चाहिए। भले ही इसमें पीड़िता की दिलचस्पी न हो, लेकिन यह राज्य के विरुद्ध अपराध है। बेंच ने अगली सुनवाई के लिए इसे 20 सितंबर के लिए सूचीबद्ध किया है।

अस्पतालों ने पुलिस को बगैर सूचित किए गर्भपात करने से किया इनकार

याचिकाकर्ता के वकील अमित मिश्रा ने हाईकोर्ट को बताया कि अस्पतालों ने बगैर पुलिस को सूचित किए गर्भपात करने से इनकार कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि नाबालिग परस्पर सहमति से रिश्ते में थी और अब उसका परिवार शर्म एवं अपमान के मारे इस मामले को रिपोर्ट नहीं करना चाहता है। ऐसा करने से उस पर सामाजिक दाग लग जाएगा और यदि गर्भपात की अनुमति नहीं मिली तो नाबालिग अपनी कम उम्र के चलते बच्चे का पालन-पोषण नहीं कर पाएगी।

संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निजता, निजी स्वायत्तता, गरिमा, प्रजनन पसंद का है मौलिक अधिकार

याचिका में बताया गया है कि याचिकाकर्ता की बेटी को निजता, निजी स्वायत्तता, गरिमा, प्रजनन पसंद का मौलिक अधिकार है जो संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन जीने के अधिकार से मिलता है। उसमें कहा गया है कि नाबालिग को अपना गर्भ गिराने की अनुमति नहीं मिलने पर वह गर्भपात किसी झोलाछाप डॉक्टर या किसी गैर पंजीकृत या अवैध (चिकित्सा) केंद्र में जाकर गिरा देगी। जिससे उसके स्वास्थ्य के लिए कुछ जटिलताएं या गंभीर जोखिम हो सकता है। इसलिए अदालत को इसके लिए निर्देश देना चाहिए।

ये भी पढ़ें: अरुणाचल प्रदेश में चीन सीमा पर तेजी से हेलीपैड बना रहा भारत

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube

Umesh Kumar Sharma

Recent Posts

Back Pain: कमर दर्द को न करें नजरअंदाज, हो सकता है खतरनाक

India News(इंडिया न्यूज़), Back Pain: अगर आप लंबे समय से कमर दर्द से परेशान हैं…

49 minutes ago

संभल में मुसलमानों के साथ …’, हिंसा के बाद बरसे मौलाना मदनी ; योगी सरकार पर लगाया ये बड़ा आरोप

India News UP(इंडिया न्यूज़),Maulana Madani on Sambhal Controversy: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद…

5 hours ago