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Women Reservation: दुनिया के देशों की संसद में महिलाओं के लिए कितना आरक्षण? जानें किस देश में महिला प्रतिनिधित्व का क्या हाल

India News (इंडिया न्यूज़), Women Reservation, दिल्ली: भारत की संसद में महिला आरक्षण बिल पर पेश हो चुका है। इसपर बहस चल रही है। पहली बार संसद में साल 1996 में बिल पेश किया गया था। इसके बाद भी इस बार संसद में बिल पेश किया गया पर यह पास नहीं हो सका। वर्तमान बिल में कहा गया है की परिशिमन के बाद इसे लागू किया जाएगा। यानि 2026 के पहले इसके लागू होने की उम्मीद नहीं है।

लेकिन क्या संसद औऱ विधानसभाओं में महिला आरक्षण सिर्फ भारत में लागू है? आइये जानते है दुनिया के कुछ देशों के बारे में जहां महिला आरक्षण लागू है। सबसे पहले बात करते है भारत के पड़ोसियों के बारें में।

नेपाल-

भारत के पड़ोसी देश नेपाल में साल 2007 में महिलाओं के लिए 33.09 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। यानि एक तिहाई आरक्षण यहां महिलाओं को दिया गया था।

पाकिस्तान-

पाकिस्तान की बात करें तो वहां की लोकसभा यानि नेशनल असेंबली में साल 1956 में पाकिस्तान में दस सीटें महिलाओं क लिए आरक्षित थीं पांच पूर्वी और पांच पश्चिमी पाकिस्तान के लिए। 1962 में इसे छह कर दिया गया। 1973 में इसे फिर से 10 किया गया। साल 1985 में 20 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित कर दी गई। साल 2002 में जनरल परवेज मुशर्रफ सरकार सीटे की संख्या 60 कर दी गई यानि नेशनल असेंबली में 17 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित है।

बांग्लादेश-

बांग्लादेश की संसद में कुल 350 सीटें है। इनमें से 50 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई है। 1972 में जब बांग्लादेश का गठन किया गया तो 15 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित थी, बाद में इसे 30 किया गया और अभी यह 50 है।

कहां पर 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व?

फ्रांस और दक्षिण कोरिया की संसद में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है। न्यूजीलैंड और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की संसद का महिलाओं का प्रतिनिधित्व 50 प्रतिशत है। वही र्जेंटीना, मैक्सिको और कोस्टा रिका की संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 36 प्रतिशत से अधिक है। इसे 50 प्रतिशत करने का प्रयास किया जा रहा है। अमेरिका और ब्रिटेन में बिना आरक्षण 29 और 35 फीसदी महिलाओं संसद में है। वही रवांडा में सबसे ज्यादा 61 फीसदी महिलाओं का प्रतिनिधित्व है।

इन जगहों पर काफी कम

दक्षिण अफ्रीका, स्वीडन और जर्मनी ने राजनीतिक दलों द्वारा अपनाए गए स्वैच्छिक कोटा के माध्यम से उच्च महिला प्रतिनिधित्व हासिल किया है। वही कई देशों में महिलओं का प्रतिनिधि बहुत कम है। इनमें श्रीलंका (5 फीसदी), कतर (4 फीसदी), कुवैत (3 फीसदी) और ओमान (2 फीसदी) है।

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Roshan Kumar

Journalist By Passion And Soul. (Politics Is Love) EX- Delhi School Of Journalism, University Of Delhi.

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