India News (इंडिया न्यूज़) Womens Reservation Bill: ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ नामक एक विशेष कानून बनाने के लिए मोदी सरकार को राज्यसभा में कम से कम दो-तिहाई सांसदों की सहमति की आवश्यकता है। लेकिन चूंकि लोकसभा में 454 सांसदों ने इसके पक्ष में वोट किया और सिर्फ 2 ने इसके खिलाफ वोट किया, तो ऐसा लगता है कि ज्यादातर सांसद इस कानून को पास कराना चाहते थे।
विपक्ष की राय 2024 के चुनाव में ये क़ानून प्रयोग में आए
विधेयक को राज्यसभा के सांसदों द्वारा अनुमोदित करने की आवश्यकता होती है। अगर वे बिल पर मंजूरी देते हैं, तो इसपर आगे की क्या प्रक्रिया होगी। लेकिन हम ठीक से नहीं जानते कि ऐसा कब होगा। विपक्ष के कुछ लोग चाहते हैं कि सरकार 2024 में होने वाले चुनाव में इस कानून को लागू करे।
राष्ट्रपति से मंजूरी के बाद क़ानून लागू
सरकार कह रही है कि एक बार जब कोई विधेयक संसद से पारित हो जाएगा और राष्ट्रपति से मंजूरी मिल जाएगी, तो यह अपने आप सभी राज्यों पर लागू हो जाएगा। इसका मतलब यह है कि राज्य विधानसभाओं को अपने राज्य में विधेयक को कानून बनाने के लिए अपनी मंजूरी देने की आवश्यकता नहीं है।
राष्ट्रपतिके हस्ताक्षर के बाद आधिकारिक होगा विधेयक
संसद के पास यह तय करने की शक्ति है कि राज्य विधानसभाओं में कितनी सीटें होनी चाहिए। राज्य विधानसभा का इसमें कोई योगदान नहीं है। यदि संसद के दोनों सदन सहमत हो जाएं और राष्ट्रपति इस पर हस्ताक्षर कर दें तो ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ एक विशेष कानून आधिकारिक हो जाएगा।
पहले 15 वर्ष के लिए विधयक होगा लागू
‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ कहता है कि लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होनी चाहिए। यह नियम 15 साल तक रहेगा, लेकिन अगर संसद चाहे तो इसे बढ़ाया जा सकता है।
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