India News (इंडिया न्यूज), Women’s Reservation Bill: आज यानि मंगलवार 19 सितंबर को संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र का दूसरा दिन है। खास बात ये है कि आज से संसद के नए भवन (New Parliament) में काम-काज शुरू हो कर दिया गया। ऐसे में पीएम मोदी ने नए संसद भवन में अपने संबोधन में महिला आरक्षण बिल पर बात की उन्होंने कहा कि कई बार महिला आरक्षण बिल पेश किया गया लेकिन बिल को पास कराने के लिए पर्याप्त बहुमत नहीं था और इस वजह से यह सपना अधूरा रह गया।

क्या बोले पीएम

संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल पर बोले पीएम नरेंद्र मोदी – नारी शक्ति वंदन अधिनियम “महिला आरक्षण बिल पर काफी देर तक चर्चा हुई। अटल बिहारी वाजपेई के शासनकाल में कई बार महिला आरक्षण बिल पेश किया गया लेकिन बिल को पास कराने के लिए पर्याप्त बहुमत नहीं था और इस वजह से यह सपना अधूरा रह गया। आज भगवान ने मुझे जो दिया है।” इसे आगे बढ़ाने का अवसर…हमारी सरकार आज दोनों सदनों में महिलाओं की भागीदारी पर एक नया विधेयक ला रही है…”

टाइम लाइन के जरिए जानिए कब क्या हुआ?

  • सबसे पहली बार 1996 में महिला आरक्षण बिल संसद के पटल पर रखा गया था, उस समय एचडी देवगौड़ा पीएम थे। उस दौरान कई बार कोशिश हुई, लेकिन बात नहीं बन पाई।
  • संशोधित महिला आरक्षण बिल 1997 में पेश किया गया, लेकिन तीन यादवों (मुलायम सिंह यादव, लालू यादव और शरद यादव) इसके रास्‍ते में बाधा बनकर खड़े हो गए।
  • फिर अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने 1998 और 1999 में भी बिल पेश किया लेकिन विपक्ष, विशेषकर सपा और आरजेडी के विरोध के कारण यह पास नहीं हुआ।
  • एनडीए सरकार ने 2002 में एक बार और 2003 में दो बार बिल पेश किया, लेकिन बहुमत होने के बावजूद बिल पास नहीं करवाया जा सका।
  • 20010 में भी यह बिल राज्‍यसभा से पास हो गया था, लेकिन लोकसभा में यह अटक गया था।
  • 2017 में तत्‍कालीन कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने इस संबंध में पीएम मोदी को पत्र लिखा था।
  • 2023 संसद के विशेष सत्र के बीच मोदी कैबिनेट ने एक अहम बैठक में महिला आरक्षण बिल को अपनी मंजूरी दी है।

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