India News (इंडिया न्यूज़), World Development Information Day: आज दुनिया भर में (24 अक्टूबर) विश्व विकास सूचना दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य सूचना के प्रसार में सुधार करना और विशेष रूप से युवाओं के बीच जनमत को जुटाना है। जानकारी के लिए बता दें कि आज के दिन ‘संयुक्त राष्ट्र दिवस’ भी मनाया जाता है। आज के दिन संयुक्त राष्ट्र यानी 24 अक्टूबर 1945 को पहली बार अस्तित्व में आया था। तो चलिए जानते हैं विश्व विकास सूचना दिवस से जुड़ी कुछ खास बातें।

कब हुई इस दिन को मनाने की शुरुआत

विश्व विकास सूचना दिवस को मनाने की शुरुआत 1972 में हुआ था। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विकास समस्याओं के प्रति दुनिया के ध्यान को आकर्षित करने और उन्हें हल करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की जरूरत समझी। इसके बाद इसकी शुरुआत की गई। इसके स्थापना के समय, संयुक्त राष्ट्र में 51 सदस्य शामिल थे, वहीं अभी की बात करें तो इसमें अभी कुल 193 सदस्य शामिल चुके हैं। इस प्रस्‍ताव के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा में इससे सम्बंधित प्रस्ताव को पारित किया गया था और इसे विकास समस्याओं के प्रति दुनिया के ध्यान को आकृष्ट करने के लिए “विश्व विकास सूचना दिवस” नाम दिया गया।

विश्व विकास सूचना का महत्व और लक्ष्य

बता दें कि 24 अक्टूबर को इस दिन को मनाने का फैसला इसलिए किया गया था, क्योंकि इसी डेट को 1970 में द्वितीय राष्ट्र विकास दशक के लिए अंतर्राष्ट्रीय विकास रणनीति को अपनाया गया था। वहीं आज भी यह दिवस प्रतिवर्ष विकास की समस्याओं को हल करने व अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने और विश्व जनमत के ध्यान आकर्षित करने को लेकर मनाया जाता है।

विश्व विकास सूचना दिवस का आयोजन

दुनिया के कई देशों में सरकार तथा व्यापार एवं विकास से जुड़े संगठन इस खास दिन पर मीडिया में विज्ञापन के रूप में कई सूचनाएं लोगों तक पहुंचाते हैं। सेमिनार, संगोष्ठियां तथा अन्य कार्यक्रमों का भी आज के दिन आयोजन होता है। लेकिन समय के साथ ही इसमें भी काफी बदलाव किया गया है। मोबाइल, इंटरनेट एवं अन्य कई संचार क्रांति ने इसके आयाम को विस्तृत कर दिया है। जिसके माध्यम से लोगों तक त्वरित सूचनाएं पहुँचने लगी हैं।

विश्व विकास सूचना दिवस के ये 17 लक्ष्य-

  • निर्धनता नहीं रहे,
  • कोई भूखा न रहे,
  • अच्छा स्वास्थ्य और कल्याण,
  • सभी को गुणवत्ता युक्त शिक्षा,
  • लैंगिक समानता हो,
  • सभी को स्वच्छ जल और स्वच्छता मिले,
  • सभी को सस्ती ऊर्जा मिले,
  • सभ्य कार्य और आर्थिक विकास हो,
  • सभी देश में उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचा विकसित हो,
  • हर जगह कम असमानता हो,
  • सतत शहर, और समुदाय का विकास हो,
  • जिम्मेदारी से खपत और उत्पादन हो,
  • सभी मिल कर जलवायु परिवर्तन की लड़ाई लड़े,
  • महासागरों और समुद्री संसाधनों का संरक्षण और सतत उपयोग,
  • स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र के सतत उपयोग को सुरक्षित और बढ़ावा देना,
  • शांतिपूर्ण समाजों को बढ़ावा देना और न्याय तक पहुंच प्रदान करना,
  • कार्यान्वयन के साधनों को मजबूत करने के साथ ही सतत विकास के लिए वैश्विक भागीदारी को पुनर्जीवित करना।

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