लिवर व्यक्ति के शरीर के महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। लिवर मस्तिष्क को छोड़कर शरीर का सबसे जटिल और दूसरा सबसे बड़ा अंग हैं। लिवर शरीर के पाचन तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आप जो भी खाते और पीते अथवा दवाइयां लेते हैं, वे सभी लिवर (यकृत) से होकर गुजरती हैं। आप लिवर (यकृत) के बिना जीवित नहीं रह सकते हैं।
World Liver Day Tomorrow 2022: यह एक ऐसा अंग है कि यदि आप अपने लीवर की उचित तरीके से देखभाल नहीं करते है, तो उसे आसानी से नुकसान पहुंच सकता हैं। दुनियाभर में लोगों को लिवर के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल 19 अप्रैल को वर्ल्ड लिवर डे यानी यकृत दिवस मनाया जाता है। (यानि कल 19 अप्रैल 2022 को विश्व लिवर दिवस है) लिवर शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। शरीर का अहम अंग लिवर केवल खून को फिल्टर नहीं करता बल्कि हार्मोन प्रोड्यूस करने के साथ ही यह एनर्जी स्टोर करने का काम भी करता है। वहीं वजन ज्यादा होने पर लिवर को खतरा भी हो सकता है। तो आइए जानते हैं लिवर खराब होने पर कौन-कौन सी बीमारियों का रहता है डर। लिवर को कैसे करें मजबूत।
प्रोटीन पोषण की मात्रा का संतुलन करना। कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करना। रक्त के थक्के (अधिक मोटा/गाढ़ा करना) के निर्माण में सहायता करना। पित्त निकालना (पित्त एक तरल पदार्थ है जो कि पाचन तंत्र में वसा को तोड़ने में मदद करता है)। विटामिन बी12 का संचय। संक्रमण और रोग से लड़ना। शरीर में रक्त शर्करा को नियमित करना। शरीर से टॉक्सिक (विषाक्त) पदार्थों को निकालना। ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलना आदि।
यकृत की कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि से यह रोग पैदा होता है जिसे यकृत कैंसर कहा जाता है। यह एक गंभीर रोगों में से एक है, जिसका इलाज शीघ्र करना बेहद आवश्यक होता है।
यह रोग शरीर में धीरे-धीरे बढ़ता है। इसमें लिवर में परेशानी धीरे धीरे बढ़ती जाती है जिसके चलते काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इस रोग में लिवर सिकुड़ने लगता है और अपना काम करने में निष्फल हो जाता है।
हेपेटाइटिस शब्द का उपयोग यकृत में होने वाली सूजन के लिए किया जाता है। यह रोग संक्रमण या अल्कोहल जैसे हानिकारक पदार्थों के संपर्क में आने के कारण तेजी से फैलता है। हेपेटाइटिस एक ऐसा रोग है जो लक्षण रहित और सीमित लक्षणों के साथ भी हो सकता है, लेकिन इसके लक्षणों में प्राय: पीलिया, अत्यधिक थकान, भूख में कमी आदि को देखा जाता है। हेपेटाइटिस के दो प्रकार हैं- तीव्र (एक्यूट) और दीर्घकालिक (क्रोनिक)।
इसके अन्तर्गत मानव शरीर के तंत्रिका तन्त्र, कोशिकाओं और ऊतकों को नुकसान पहुंचता है तथा लिवर पर गहरा असर पड़ता है। उसके कार्य करने की क्षमता भी कम हो जाती है।
बताया जाता है कि जब लीवर में वसा या अधिक फैट जमा होता है तो लीवर फैटी हो जाता है जिसको फैटी लिवर बोलते हैं।
वहीं जब यकृत से सम्बंधित कोई बीमारी शरीर में लंबे समय से पल रही हो और वह ठीक न हुई हो तो यह काम करना बंद कर देता है जिससे लिवर फेलियर कहा जाता है। ( World Liver Day Tomorrow 2022)
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