India News ( इंडिया न्यूज़ ),World Thrift Day 2023: आज के दिन पूरी दुनिया वर्ल्ड थ्रिफ्ट डे के तौर पर मना रही है। जहां आज के इतने व्यस्त जीवन शैली में पैसे बचाना कितना जरूरी है, इसका महत्व हमें कोविड के दौरान देखने को मिल चुका है। किसी भी मुश्किल समय में बचत किए हुए पैसे ही काम आते हैं। कोई मेडिकल इमर्जेंसी हो या कॉलेज की फीस भरनी हो, बचाए हुए पैसे ही मुसीबत के समय काम आते हैं और इसी महत्व को सिखाने के लिए भारत में हर साल 30 अक्टूबर को वर्ल्ड थ्रिफ्ट डे मनाया जाता है। इस दिन पैसों की बचत करना जरूरी है, यह बताने की कोशिश की जाती है। जानें कैसे क्या है वर्ल्ड थ्रिफ्ट डे का इतिहास और महत्व।

जानिए क्या है इसका इतिहास

जानकारी के लिए बता दें कि, वर्ष 1924 में इटली के एक प्रोफेसर फिलिपो राविजा ने इंटरनेशनल थ्रिफ्ट कांग्रेस के उद्घाटन में थ्रिफ्ट डे का प्रस्ताव दिया था। जिसके बाद 1925 से हर साल 31 अक्टूबर को वर्ल्ड थ्रिफ्ट डे मनाया जाने लगा। 31 अक्टूबर का दिन इंटरनेशनल थ्रिफ्ट कांग्रेस के स्थापना दिवस को ध्यान में रखते हुए चुना गया था। भारत में भी पहले 31 अक्टूबर को ही वर्ल्ड थ्रिफ्ट डे मनाया जाता था, लेकिन 1984 में पू्र्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या 31 अक्टूबर को हुई थी। तब से यह दिन 30 अक्टूबर को मनाया जाने लगा। इस दिन को इंटरनेशनल सेविंग डे के नाम से भी जाना जाता है।

जानें क्या है इसका महत्व

वहीं बात अगर इसके महत्व की करें तो वर्ल्ड थ्रिफ्ट डे का महत्व लोगों को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद समझ आया। जब कठिन समय के लिए पैसों की बचत करना कितना जरूरी है, इस बारे में लोग जागरूक होने लगे। अपने बच्चों और अपने पूरे परिवार के बेहतर भविष्य के लिए सेविंग करना जरूरी है। कोविड महामारी के समय भी पैसों की बचत करना कितना जरूरी है, इसका महत्व समझ में आया है। इसके अलावा पैसों की बचत करने से मुश्किल समय के दौरान होने वाली एंग्जायटी और तनाव से भी बचा जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि सभी को सेविंग के महत्व के बारे में सभी को पता हो और हर महीने अपनी कमाई में से कुछ पैसों को सेव किया जाए।

ये भी पढ़े