दिवाली का सभी को बेसब्री से इंतज़ार रहता है, इस दिन के लिए लोग खूब तैयारियां करते हैं. ये त्योहार अब बिल्कुल करीब आ चुका है ऐसे में त्योहारों का सही मुहूर्त जानकार सभी उसी हिसाब से शुभ समय में पूजा करना चाहते हैं, तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कब है धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भैयादूज इसकी सही तिथि और मुहूर्त हम आपको बताएँगे.इस साल दिवाली का त्योहार 24 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। ये हम सभी जानते हैं.पर साथ साथ कई सालों बाद ऐसा हो रहा है कि इस साल एक दिन में ही दो-दो त्योहार मनाए जा रहे हैं.धनतेरस का त्यौहार 23 अक्टूबर, रविवार को मनाया जाना है। इस साल धनतेरस की तिथि के कारण इसे मनाने को लेकर लोग कंफ्यूज हो रहे है।22 अक्टूबर 2022 को शाम 6 बजकर 02 मिनट से कार्तिक माह कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि शुरू हो रही है,इसके साथ ही कार्तिक माह कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि समाप्त 23 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 03 मिनट पर होगी.

पूजन का शुभ मुहूर्त

पूजन का शुभ मुहूर्त 23 अक्टूबर 2022 को रविवार शाम 5 बजकर 44 मिनट से 6 बजकर 5 मिनट तक रहेगा.

नरक चतुर्दशी

पंचांग के अनुसार, धनतेरस के अगले दिन यानी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन मंदिर के अलावा दक्षिण दिशा, नाली, शौचालय और घर के मुख्य द्वार में दीपक जलाना शुभ होता है। इसे छोटी दीपावली के नाम से भी जानते हैं। हर साल ये दिवाली के एक दिन पहले मनाते हैं लेकिन इस बार दो दिन तिथि होने के कारण 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

दिवाली

प्रकाश का पर्व दिवाली इस साल कार्तिक अमावस्या यानी 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी। 24 अक्टूबर शाम 06 बजकर 53 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक लक्ष्मी पूजा मुहूर्त है.ज्योतिषाचार्य की मानें तो दीपावली का उत्सव 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। प्रदोष काल में अमावस्या का होना दीपावली मनाने का प्रमाण है, जो 24 अक्टूबर को पड़ रहा है। इसके साथ ही दिवाली से अगले दिन सुर्यग्रहण और कार्तिक की पूर्णिमा के गंगा स्नान पर 8 नवंबर को शाम 2:39 से 6:19 तक चंद्रग्रहण पड़ेगा।

गोवर्धन पूजा

आमतौर पर दिवाली के दूसरे दिन ही गोवर्धन पूजा या अन्नकूटा पूजा की जाती है। लेकिन इस साल 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण पड़ने के कारण अगले दिन यानी 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

भाई दूज

गोवर्धन पूजा के बाद भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व को यम द्वितीया के नाम से भी जानते हैं क्योंकि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर भोजन करने गए थे। इस बार भैया दूज 26 अक्टूबर को मनाया जा रहा है।26 अक्टूबर दोपहर 01 बजकर 18 मिनट से दोपहर 03 बजकर 33 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है. हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भाई अपनी बहन के घर जाते हैं और उसे उपहार स्वरूप कुछ वस्तुएं भेंट करते हैं। बहनें अपने भाई का स्वागत करती हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से अकाल मृत्यु का डर खत्म हो जाता है। दीर्घायु का वरदान मिलता है।