India News (इंडिया न्यूज़), BJP Saharanpur Rally: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक चुनावी रैली में ब्रिटेन के एक अखबार की एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवाद दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है और केवल भारत ही इस खतरे से निपटने में दुनिया का नेतृत्व कर सकता है। बात दें, इस रिपोर्ट में भारत पर पाकिस्तान में हत्या में करवाने का आरोप लगाया गया है। इसमें दावा किया गया है कि भारत ने 2020 से पाकिस्तान में 20 आतंकवादीओं की हत्या करवा चुका है।
सीएम योगी ने क्या कहा?
योगी आदित्यनाथ ने यह टिप्पणी सहारनपुर में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए की। “दो दिन पहले एक प्रतिष्ठित ब्रिटिश अखबार की एक रिपोर्ट ने दुनिया और हम सभी का ध्यान आकर्षित किया था। इसमें बताया गया था कि पाकिस्तान के अंदर आतंकवादियों को कैसे मारा गया। केवल द गार्जियन ही बता सकता है कि इस रिपोर्ट का स्रोत क्या है…आज दुनिया ने उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि आतंकवाद एक चुनौती है और भारत इससे निपटने में दुनिया का नेतृत्व करेगा।” जब आदित्यनाथ ने टिप्पणी की तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंच पर मौजूद थे।
पाकिस्तान में घुसकर मारेंगे…, ब्रिटिश अखबार के दावे पर राजनाथ सिंह का दो टूक
उन्हें मारने के लिए पाकिस्तान में घुसेंगे: राजनाथ सिंह
एक दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक चैनल से कहा था कि “देश में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश कर सीमा पार भागने वाले किसी भी व्यक्ति को मारने के लिए भारत पाकिस्तान में घुसेगा।” राजनाथ सिंह ने रिपोर्ट के बारे में एक सवाल के जवाब में सीएनएन न्यूज18 से कहा, “अगर वे पाकिस्तान भाग जाते हैं, तो हम उन्हें मारने के लिए पाकिस्तान में घुसेंगे। भारत हमेशा अपने पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहता है… लेकिन अगर कोई भारत को बार-बार बुरी नजर दिखाता है, भारत आता है और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने की कोशिश करता है, तो हम उन्हें नहीं बख्शेंगे।”
विदेश मंत्रालय ने इस रिपोर्ट पर नहीं की टिप्पणी
विदेश मंत्रालय ने रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की है, जबकि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। हालाँकि, विदेश मंत्रालय ने 25 जनवरी के एक बयान में पाकिस्तान में रहस्यमय हत्याओं में किसी भी भूमिका से दृढ़ता से इनकार किया था। भारत की प्रतिक्रिया तब आई जब पाकिस्तान ने दावा किया कि उसके पास हत्याओं में नई दिल्ली की भूमिका के पुख्ता सबूत हैं। विदेश मंत्रालय ने इन आरोपों की “झूठे और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार” के रूप में निंदा की और इस बात पर जोर दिया कि अन्य देशों में लक्षित हत्याएं भारत की सरकारी नीति का हिस्सा नहीं थीं।