India News (इंडिया न्यूज़), Zomato Pure Veg Controversy: फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म जोमाटो ने पिछले दिनों शाकाहारी लोगों के लिए पुरे देश में ग्रीन ड्रेस लॉन्च की थी। जिसके बाद कंपनी के इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर खूब बवाल हुआ था। इस वजह से कंपनी के के सीईओ दीपिंदर गोयल को सिर्फ 24 घंटे में ही इस फैसले को वापस लेना पड़ा था। वहीं उन्होंने इस पुरे विवाद पर पहली बार चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि प्योर वेज फूड डिलीवरी सर्विस पर हुए विवाद के बाद हम लगातार 20 घंटे तक जूम कॉल पर थे। हम इस संकट को जल्द से जल्द समाधान करना चाहते थे।
कंपनी ने व्यापक सर्वे के बाद यह फैसला लिया था
जोमाटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने कहा कि शाकाहारी लोगों के लिए ग्रीन ड्रेस सर्विस लाने का फैसला व्यापक सर्वे करने के बाद लाया गया था। मगर, सोशल मीडिया के माध्यम से जो बातें सामने आई, उनमें से अधिकतर के बारे में हम ज्यादा जानते ही नहीं थे। हम धर्म, जाति और किसी भी तरह के भेदभाव पर यकीन नहीं रखते। इसलिए हमने तत्काल लंबी चर्चा के बाद अपने फैसले को जनता की डिमांड पर वापस ले लिया। उन्होंने आगे कहा कि जोमाटो का प्योर वेज मोड या प्योर वेज फ्लीट किसी भी धर्म या राजनीतिक सोच का विरोध या समर्थन नहीं करता है। हम लोग सिर्फ लोगों के खाने की जरूरतों को पूरा करने का काम करते हैं।
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क्यों हुआ था विवाद?
दरअसल, दीपिंदर गोयल ने मंगलवार (19 मार्च) को ग्रीन ड्रेस प्योर वेज सर्विस शुरू की थी। जिसके बाद जोमाटो के इस फैसले के विरोध में सोशल मीडिया पर कमेंट्स की बाढ़ आ गई थी। वहीं दीपिंदर गोयल ने इस विवाद के बढ़ने के बाद बुधवार (20 मार्च) को यह प्लान रोकने का ऐलान कर दिया था। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा था कि हमारे डिलीवरी पार्टनर ग्रीन ड्रेस नहीं पहनेंगे। इससे हमें अपने डिलिवरी पार्टनर को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी। उन्हें किसी भी आरडब्लूए या सोसाइटी में रोका नहीं जाएगा। न ही रेड यूनिफॉर्म वाले डिलिवरी पार्टनर को नॉन वेज फूड से जोड़कर देखा जा सकेगा।