India News (इंडिया न्यूज़), PM Modi in Congress, अमेरिका: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक के ऐतिहासिक संबोधन में कई बड़ी बातें कही। पीएम मोदी की यह 9 साल में छठी अमेरिका यात्रा है लेकिन वह पहली बार राजकीय यात्रा पर गए हैं। पीएम मोदी का 22 जून को व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने स्वागत किया, फिर दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय वार्ता की। वार्ता के बाद संयुक्त प्रेस संबोधन किया गया। संबोधन के बाद संयुक्त बयान जारी किया गया। इन सब के बाद पीएम अमेरिकी कांग्रेस ( संसद) के संयुक्त सत्र को संबोधित करने पहुंचे। पीएम का भाषण करीब 58 मिनट का था।
भारत सभी धर्मा का घर
पीएम मोदी ने कहा कि भारत दुनिया के सभी धर्मों का घर है और हम उन सभी का जश्न मनाते हैं। भारत में विविधता जीवन जीने का एक प्राकृतिक तरीका है, आज दुनिया भारत के बारे में अधिक से अधिक जानना चाहती है।हमारे पास 2500 से अधिक राजनीतिक दल हैं…लगभग 20 अलग-अलग दल भारत के विभिन्न राज्यों पर शासन करते हैं। हमारी 22 आधिकारिक भाषाएं और हजारों बोलियां हैं, फिर भी हम एक स्वर में बात करते हैं। हर 100 मील पर हमारा भोजन होता है। डोसा से लेकर आलू पराठा तक हम सभी का आनंद लेते है।
140 करोड़ लोगों का सम्मान
पीएम मोदी ने कहा कि दो बार कांग्रेस को संबोधित करना एक असाधारण विशेषाधिकार है। यह भारत के 140 करोड़ लोगों का सम्मान है। भारत का सबसे अहम डिफेंस पार्टनर अमेरिका है.़। अमेरिकी कंपनी के विकास से भारत में विकास हो रहा है। भारत और अमेरिका स्पेस और समुद्र में भी साथ मिलकर काम कर रहे हैं। भारत में विमान की मांग से यूएस में रोजगार बढ़ता है। यूएस में भारतीयों का बड़ा योगदान है। दुनिया बदल रही है, अब संस्थाएं भी बदलनी चाहिए। सभी देशों की बात सुनी जानी चाहिए।
AI मतलब अमेरिका-इंडिया
पीएम मोदी ने एआई-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में हुई कई प्रगति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में, एआई-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में कई प्रगति हुई है। साथ ही, दूसरे एआई-अमेरिका और भारत में और भी महत्वपूर्ण विकास हुआ है। मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि आप दो महान लोकतंत्रों – भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच संबंधों का जश्न मनाने के लिए एक साथ आए हैं।
लाखों भारतीयों का घर
अमेरिकी राजनीति में भारतीय-अमेरिकियों की सक्रिय भागीदारी के बारे में बोलते हुए पीएम ने कहा कि लाखों अमेरिकी लोगों की जड़े भारत से जुड़ी है। कुछ यहां गर्व से बैठे है और एक मेरे पीछे है (कमला हैरिस) जिन्होंने इतिहास रचा है।
भारत लोकतंत्र की जननी
पीएम ने कहा कि पिछले साल भारत ने आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाया। हर मील का पत्थर महत्वपूर्ण है लेकिन यह विशेष था। हमने किसी न किसी रूप में हजारों वर्षों के विदेशी शासन के बाद अपनी आजादी के 75 साल की एक उल्लेखनीय यात्रा का जश्न मनाया। यह सिर्फ एक लोकतंत्र जश्न नहीं था लेकिन विविधता का भी था। भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है।
तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
पीएम ने कहा कि जब मैं प्रधानमंत्री के तौर पर पहली बार अमेरिका गया था, तब भारत दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। आज, भारत 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। और जल्द ही भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा…जब भारत बढ़ेगा सारी दुनिया बढ़ती है।
सबका साथ सबका विकास
पीएम ने कहा, “हमारा दृष्टिकोण सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास है। इसका मतलब है, सबका विकास, सबके विश्वास और सबके प्रयास के साथ। मैं आपके साथ साझा करना चाहता हूं कि कैसे यह दृष्टिकोण बड़े पैमाने और गति के साथ क्रियान्वित हो रहा है।”
150 देशों को वैक्सीन
पीएम ने कहा कि भारत ने 115 देशों को कोरोना वैक्सीन पहुंचाई। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत ने काफी प्रगति की है। पिछले 9 सालों में एक अरब लोगों को उनके बैंक खातों और मोबाइल फोन से जुड़ी अद्वितीय डिजिटल बायोमेट्रिक पहचान मिली है। साल में तीन बार एक बटन के क्लिक पर 100 मिलियन से ज्यादा किसानों को उनके बैंक खातों में मदद भेजी गई। भारत सरकार ने 150 मिलियन से ज्यादा लोगों को आश्रय प्रदान करने के लिए लगभग 40 मिलियन घर दिए हैं, जो ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या का लगभग 6 गुना है।
महिला नेतृत्व
पीएम ने कहा कि भारत में महिलाएं बेहतर भविष्य का नेतृत्व कर रही हैं। भारतीय राष्ट्रपति आदिवासी समाज से आती हैं। 15 लाख महिलाओं को अलग-अलग स्तर पर नेतृत्व करते देखा जा रहा है। देश की सेनाओं में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। सबसे ज्यादा महिला पायलट भारत में हैं। भारत में 15 महिलाएं चुनी हुईं प्रतिनिधि हैं।
यूक्रेन युद्ध पर बोले
यूक्रेन यूद्ध पर पीएम ने कहा कि यूक्रेन वॉर की वजह से यूरोप पर युद्ध का संकट बढ़ रहा है। इसमें कई शक्तियां शामिल हैं। युद्ध के कारण विकासशील देश प्रभावित हुए हैं। यूएन चार्टर के मुताबिक विवादों का शांतिपूर्ण समाधान और दूसरों की संप्रभुता का सम्मान होना चाहिए। पीएम बोले कि उन्होंने खुलकर कहा है कि यह युद्ध का दौर नहीं है, बल्कि बातचीत और कूटनीति का दौर है. हमें लोगों को हो रही पीड़ा को मिलकर रोकना चाहिए।
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