इंडिया न्यूज, (Afghanistan Earthquake):
अफगानिस्तान में आज सुबह तीव्र क्षमत का भूकंप आया। इस भूकम्प से बड़ी मात्रा में तबाही हुई है। आपदा प्रबंधन अधिकारियों के अनुसार भूकंप के कारण कम से कम 250 लोगों की मौत हुई है। मरने वालों का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है। भूकम्प की तीव्रता रिएक्टर पैमानी पर 6.1 मापी गई है।

अभी तक भूकंप की अधिकमत तीव्रता तय नहीं हो पाई है। लेकिन रिक्टर स्केल पर अक्सर 7.0 या उससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप ज्यादा तबाही मचाते हैं। अफगानिस्तान में आज सुबह आया ये भूकंप इतना तेज था कि इसके झटके पड़ोसी देश पाकिस्तान के लाहौर, मुल्तान और क्वेटा में भी महसूस किए गए। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक इस भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के दक्षिणपूर्व में खोस्त शहर से करीब 44 किलोमीटर दूर था। यह 51 किलोमीटर की गहराई में था।

पाकिस्तान में एक हफ्ते में 2 बार आए भूकम्प के झटके

वहीं पाकिस्तान की मीडिया के मुताबिक, भूकंप के झटके इस्लामाबाद समेत बाकी शहरों में भी महसूस हुए। एक हफ्ते में यह दूसरी बार भूकम्प के झटके लगे हैं। बताया गया है कि भूकंप के ये झटके कुछ सेकेंड तक महसूस हुए थे। डर के कारण लोग इधर-उधर भागने नजर आए। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर भूकंप की खबरें डाली। इससे पहले पाकिस्तान में शुक्रवार को भी भूकंप आया था। ये झटके इस्लामाबाद, रावलपिंडी, पेशावर, मुल्तान के अलावा फैसलाबाद, एबटाबाद, स्वात, बुनेर और कोहाट में महसूस हुए थे।

ऐसे समझिए क्यों और कैसे आता है भूकंप?

हमारी धरती के अंदर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी कारण आपस में टकराती हैं, इसी कारण भूकम्प आते हैं। दरअल, इन प्लेटों के टकराने वाली जगह फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। इन सतह के कोने मुड़ने से वहां दबाव बनता है। इसके बाद ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से ऊर्जा पैदा होती है जो धरती से बाहर आने का रास्ता निकालती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।

कितनी तीव्रता के भूकम्प खतरनाक

जानकारी के मुताबिक रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है। यह भूकम्प इतना धीमा होता है कि इसके झटके महसूस भी नहीं किए जाते। एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व में रोजाना रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दर्ज किए जाते हैं। वहीं 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं। इसे भी सामान्य श्रेणी में मापा जाता है।

3.0 से 3.9 तीव्रता वाले भूकम्प वेरी लाइट कैटेगरी के होते हैं। यह एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इनसे भी कोई नुकसान पहुंचता है। इसके बाद लाइट कैटेगरी के भूकंप होते हैं जिनकी तीव्रता 4.0 से 4.9 होती है। ये दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि नुकसान न के बराबर होता है।

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