इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद एक तरफ तारीफ हो रही है तो दूसरी तरफ अत्याचार। यहां आतंक का दौर अभी खत्म नहीं हुआ है। यहां लोग जान बचाने के लिए अफगानिस्तान छोड़ रहे हैं। यहां के पंजशीर प्रांत पर कब्जा के दावे के बाद तालिबानी आतंकी हवाई फायरिंग कर जश्न मना रहे थे, जिसमें 17 लोगों की जान चली गई। जबकि 41 लोग घायल हो गये।
सूत्रों के अनुसार तालिबान की इस फायरिंग के दौरान बच्चों की भी मौत हुई है जबकि कुछ लोग घायल भी हुए हैं। तालिबान का दावा कर रहा है कि उसने पंजशीर प्रांत को अपने कब्जे में ले लिया है, वहीं रेजिस्टेंस फोर्सेज ने इस दावे को खारिज करने का काम किया है। साथ ही यह भी दावा किया है कि उन्होंने तालिबान को करारा जवाब दिया है।
घायल इलाज के लिए पहुंच रहे हैं अस्पताल : रिपोर्ट के अनुसार तालिबान की इस फायरिंग में जहां कई लोगों की जान गई है वहीं कुछ लोग घायल भी हुए हैं। घायलों करे इलाज के लिए अस्पताल लेकर लोग पहुंच रहे हैं। अस्पतालों में आॅपरेशन थियेटर भरे दिख रहे हैं। यहां का मंजर दर्दनाक है। लोगों का अस्पताल में जैसे तैसे इलाज किया जा रहा है। मीडिया में ऐसी रिपोर्ट भी चल रही है कि आपरेशन रूम में जगह ना होने की वजह से शख्स का इमरजेंसी रूम में ही आपरेशन कर दिया गया।
चीन ने तालिबान से संबंधों बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। चीन ने जो दो बड़े वादे किये हैं, उसका खुलासा तालिबान के प्रवक्ता ने किया है। प्रवक्ता ने शुक्रवार को बताया कि चीन ने अफगानिस्तान में अपने दूतावास को खुला रखने और मदद के लिए खजाना खोलने का वादा किया है। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने ट्वीट कर बताया कि कतर के दोहा में इस्लामिक समूह के राजनीतिक दफ्तर के सदस्य अब्दुल सालम हनाफी की चीन के उप-विदेश मंत्री वू जियांगहाओ से फोन पर बात हुई है। चीन क्षेत्र के विकास और सुरक्षा में अहम भूमिका निभा सकता है।