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Sheikh Hasina के बाद Bangladesh की इन 5 बड़ी हस्तियों को ऐसा करने पर किया गया मजबूर, जानें उनके साथ क्या हुआ

India News (इंडिया न्यूज), Sheikh Hasina: शेख हसीना के बांग्लादेश के पीएम पद से इस्तीफ़ा देने और देश छोड़ के भागने के पांच दिन बाद सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया। न्यायमूर्ति हसन के अलावा शीर्ष अदालत के अपीलीय प्रभाग के पांच न्यायाधीशों ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

नियुक्त किया गया कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश

मोहम्मद शफीकुल इस्लाम जो कि सुप्रीम कोर्ट के जनसंपर्क अधिकारी है उन्होने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हसन के इस्तीफे के बाद अपीलीय प्रभाग के न्यायाधीश मोहम्मद अशफाकुल इस्लाम को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। मुख्य न्यायाधीश (65) ने दोपहर करीब 1 बजे अपना फैसला सुनाया, जब भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के प्रदर्शनकारी अदालत परिसर में एकत्र हुए।

प्रदर्शनकारी छात्रों ने की थी इस्तीफ़ा की मांग

प्रदर्शनकारी छात्रों ने हसन और अपीलीय प्रभाग के न्यायाधीशों को इस्तीफा देने के लिए दोपहर 1 बजे तक का समय दिया था। प्रोफेसर आसिफ नजरुल जो कि नवगठित अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार है उन्होने कहा कि, “मुझे लगता है कि आपको एक खास खबर बताना जरूरी है। हमारे मुख्य न्यायाधीश ने कुछ मिनट पहले ही इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा कानून मंत्रालय को मिल गया है।

नवगठित अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार ने आगे कहा कि इस्तीफा “आवश्यक कार्रवाई करने के लिए बिना किसी देरी के” राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को भेजा जाएगा और उन्हें उम्मीद है कि यह प्रक्रिया बहुत जल्द पूरी हो जाएगी। घोषणा के कुछ घंटों बाद, सर्वोच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल अजीज अहमद भुइयां ने संवाददाताओं को बताया कि कानून मंत्रालय के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय के पांच अन्य न्यायाधीशों ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।

भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के समन्वयकों में से एक हसनत अब्दुल्ला ने सुबह 11 बजे मुख्य न्यायाधीश और अपीलीय प्रभाग के न्यायाधीशों के इस्तीफे की मांग की थी और उन्हें इसके लिए दोपहर 1 बजे तक का समय दिया था। ढाका विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ मकसूद कमाल और बांग्ला अकादमी के महानिदेशक प्रोफेसर डॉ मोहम्मद हारुन-उर-रशीद असकरी सहित कई अन्य शीर्ष अधिकारियों ने नए विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। इससे पहले चीफ जस्टिस हसन ने सुप्रीम कोर्ट के दोनों डिविजन के सभी जजों के साथ फुल कोर्ट मीटिंग बुलाई थी।

हालांकि, प्रदर्शनकारी छात्रों ने फुल कोर्ट मीटिंग बुलाने को ‘न्यायिक तख्तापलट’ माना और हाई कोर्ट परिसर की घेराबंदी करने की घोषणा की। छात्रों के विरोध के मद्देनजर चीफ जस्टिस हसन ने मीटिंग स्थगित कर दी और बाद में कहा कि वह पद से इस्तीफा दे देंगे। सैकड़ों प्रदर्शनकारी छात्रों के इकट्ठा होने के बाद सुप्रीम कोर्ट परिसर में बांग्लादेशी सेना के जवानों को तैनात किया गया था।

चीफ जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में पत्रकारों से कहा कि उन्होंने बदलते हालात के बीच देशभर के सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और निचली अदालतों के जजों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस्तीफा देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘इस्तीफे के लिए कुछ औपचारिकताएं हैं। उन्हें पूरा करने के बाद मैं आज शाम तक राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को अपना इस्तीफा भेज दूंगा।’ यह पूछे जाने पर कि क्या सुप्रीम कोर्ट के अन्य जज भी इस्तीफा देंगे, चीफ जस्टिस ने कहा, ‘यह उनका फैसला है।’

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Divyanshi Singh

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