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दुनिया के सबसे शक्तिशाली मुस्लिम देश के भी छूटे पसीने, बड़ी है दुश्मनों की लिस्ट, जंग हुआ तो गाजा से भी ज्यादा मचेगी तबाही!

India News (इंडिया न्यूज), Turkey Enemy Country: तुर्किए की राजधानी अंकारा में कल हुए आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। इसकी तुलना मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले से की जा रही है। इसमें 10 लोग मारे गए हैं। कई घायल हुए हैं और कई लोगों को बंधक बनाया गया है। यह हमला अंकारा स्थित रक्षा और एयरोस्पेस कंपनी तुर्की एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के मुख्यालय पर हुआ है, जो स्वदेशी लड़ाकू विमान KAAN बनाती है। इस हमले के बाद ये सवाल उठता है कि, तुर्किए के कितने दुश्मन हैं? तो हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि तुर्किए और ग्रीस की दुश्मनी का तो पूरी दुनिया को पता है। हम आपको बतातें चलें कि, भूमध्य सागर को लेकर तुर्की और ग्रीस के बीच लंबे समय से दुश्मनी चल रही है। 

किस वजह से ग्रीस से चल रही दुश्मनी?

हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, तुर्की की मुख्य भूमि के पास ग्रीस के कई द्वीप स्थित हैं। इसको लेकर तुर्किए ये दावा करता है कि ये द्वीप उसका हिस्सा है। इनके कारण पूर्वी भूमध्य सागर में हमेशा तनाव बना रहता है। साल 2020 में इसमें और भी आग लग गई, जब पूर्वी भूमध्य सागर में ऊर्जा संसाधनों की खोज की होड़ शुरू हो गई। फिर तुर्की ने अपनी नौसेना के साथ गैस खोजने का अभियान चलाया। ग्रीस के साथ फ्रांस और यूएई भी आ गए। इससे पहले भी तुर्किए और ग्रीस आमने-सामने आ चुके थे, लेकिन गैस खोज की होड़ में ग्रीस के समर्थन में फ्रांस भी आ गया। वहीं, ग्रीस के समर्थन में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने भी अपने कुछ एफ-16 विमानों को क्रेट एयरबेस पर तैनात कर दिया।

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ईरान से टकराव

अमेरिका के समर्थन की वजह से तुर्किए का ईरान से टकराव चल रहा है। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, सीरिया और इराक में आईएसआईएस के खिलाफ कार्रवाई में अमेरिका के समर्थन के कारण तुर्की का ईरान के साथ भी टकराव चल रहा है। इसके कारण समय के साथ तुर्की में आईएसआईएस के हमले भी बढ़े हैं। अल जजीरा की एक रिपोर्ट बताती है कि हालांकि तुर्की और ईरान के बीच वर्चस्व का मुद्दा बना हुआ है, लेकिन कार्रवाई में अमेरिका के समर्थन के कारण तुर्की में आईएसआईएस के आत्मघाती हमलों की संख्या में वृद्धि हुई है। फिर सीरिया से बड़ी संख्या में शरणार्थी भी तुर्की पहुंचते हैं और समस्या को बढ़ावा देते रहते हैं।

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तुर्किए ने साइप्रस पर किया था हमला

साल 1974 में साइप्रस में ग्रीस समर्थित सैन्य तख्तापलट के कारण तुर्किए ने साइप्रस पर हमला कर दिया था। इसके बाद तुर्किए ने एकतरफा तरीके से उत्तरी साइप्रस के तुर्किए गणराज्य की घोषणा कर दी। अगर हम इतिहास में और पीछे जाएं तो हमें पता चलता है कि रूस और तुर्किए भी कभी दुश्मन थे। इसने रूस के साथ युद्ध भी लड़ा है। वर्ष 1877-78 में रूस और उसके सहयोगी सर्बिया ने तुर्की शासन के खिलाफ विद्रोह में बोस्निया, हर्जेगोविना और बुल्गारिया की मदद की थी।

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इन संगठनों से है तुर्किए की दुश्मनी

अगर हम तुर्की के दुश्मन संगठनों की बात करें तो सबसे पहला नाम कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) का आता है। इस पार्टी का दावा है कि यह देश के सबसे बड़े जातीय समूह कुर्दों का प्रतिनिधित्व करती है। अनुमान है कि तुर्की की कुल आबादी का 20 प्रतिशत हिस्सा कुर्द है। 30 से अधिक वर्षों से देश की सरकार को अपने ही आतंकवादियों से निपटना पड़ रहा है।

इसके अलावा CNN की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तुर्किए में स्थित पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स की वजह से और भी जटिल बनी हुई है, जो सीरिया की पार्टी फॉर डेमोक्रेटिक यूनिटी (PYD) की सैन्य शाखा है, जो PKK से संबद्ध है। हालांकि PYD की यह सैन्य शाखा अमेरिका के साथ मिलकर सीरिया में ISIS से लड़ती है, लेकिन तुर्की इस पर आपत्ति जताता है क्योंकि PYD का संबंध PKK से है। वहीं, अमेरिका को सीरिया में ISIS से लड़ने के लिए PYD के कुर्दों की जरूरत है। इसलिए वह PYD के खिलाफ कुछ नहीं करता।

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Sohail Rahman

पत्रकारिता में 5 साल का अनुभव है। करियर की शुरुआत इंशॉट्स से की थी, जहां करीब 5 साल काम किया।अब इंडिया न्यूज में कंटेंट राइटर के तौर पर कार्य कर रहा हूं। यहां राजनीति, खेल, मनोरंजन, धर्म, हेल्थ और विदेश की खबरों को लिखता हूं।

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