India News ( इंडिया न्यूज), Airstrike on US Military Base: मिडिल ईस्ट में टेंशन बढ़ता जा रहा है। इराक के दो सैन्य अधिकारियों ने मंगलवार (1 सितंबर) को रॉयटर्स को बताया कि बगदाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास अमेरिकी सेना की मेजबानी करने वाले एक सैन्य अड्डे पर कम से कम दो कत्युशा रॉकेट दागे गए। उन्होंने कहा कि हवाई सुरक्षा ने रॉकेट को रोक दिया। दरअसल, दो सुरक्षा सूत्रों ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि तीन रॉकेट दागे गए, जिनमें से एक इराकी आतंकवाद विरोधी बलों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली इमारतों के पास गिरा। जिससे कुछ वाहनों को नुकसान पहुंचा और आग लग गई, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ।

इससे पहले भी हुए हैं हमले

बता दें कि, 11 सितंबर को देर रात बगदाद में संयुक्त राज्य अमेरिका के एक राजनयिक प्रतिष्ठान पर हमला हुआ। लेकिन किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने हमले पर टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया। इराक, संयुक्त राज्य अमेरिका और ईरान दोनों का एक दुर्लभ क्षेत्रीय साझेदार है। जिसमें 2,500 अमेरिकी सैनिक हैं और इसके सुरक्षा बलों से जुड़े ईरान समर्थित सशस्त्र गुट भी हैं। दरअसल, इराक में ईरान-संबद्ध सशस्त्र समूहों ने गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से मध्य पूर्व में अमेरिकी सैनिकों पर बार-बार हमला किया है।

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इजरायल का तुर्की ने किया विरोध

तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने सोमवार (30 सितंबर) को कहा कि यदि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद गाजा और लेबनान में इजरायली हमलों को रोकने में विफल रहती है, तो संयुक्त राष्ट्र महासभा को 1950 के प्रस्ताव के अनुरूप बल प्रयोग की सिफारिश करनी चाहिए। नाटो सदस्य तुर्की ने गाजा में फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के खिलाफ इजरायल के विनाशकारी हमले और लेबनान में हिजबुल्लाह आतंकवादियों को निशाना बनाकर हाल ही में किए गए हमलों की निंदा की है।

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