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तो इस वजह से लगातार गाजा में बह रहा है खून…रिपोर्ट में हुआ खुलासा, अमेरिका नहीं बल्कि यहां से हो रही है इजरायल को जमकर फंडिंग

India News (इंडिया न्यूज), Israel-Hamas Conflict : इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष को समय हो गया है। इस दौरान गाजा में जमकर मासूमों का खून बहा है। लेकिन सामने आई एक रिपोर्ट में चौकाने वाला खुलासा हुआ है। इतने समय से कई मौर्चो पर जंग लड़ रहे इजरायल को लेकर ये सवाल उठ रहे थे की उनके पास इतना गोला बारूद आ कहा से रहा है, लेकिन अब इस सवाल का जवाब सामने आ गया है। अल-जज़ीरा की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, 7 अक्टूबर के बाद से अब तक EU ने इजराइली संस्थाओं को करीब 250 मिलियन डॉलर (2126 करोड़ रुपए) दिए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा इजराइल की एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) को 5 करोड़ 73 लाख रुपए की फंडिंग दी है। IAI इजराइली सेना को आपूर्ति करने वाली शीर्ष एयरोस्पेस और विमानन निर्माता कंपनी है।

याद दिला दें कि इस संघर्ष की शुरूआत में ही यूरोपीय यूनियन ने अपनी स्थिति साफ कर दी थी। EU की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि, ‘इजराइल को आत्मरक्षा का अधिकार है- आज और आने वाले दिनों में’ EU हेडक्वार्टर में इजराइली फ्लैग की तस्वीर के साथ उर्सुला ने लिखा था कि, ‘यूरोपीय संघ इजराइल के साथ खड़ा है।’

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कितनी फंडिंग हुई

इजराइल EU का सदस्य नहीं है लेकिन फंडिंग इनिशिएटिव में वह एक एसोसिएडेट देश के तौर पर भाग लेता है। जानकारी के मुताबिक हॉरिजन 2020 फ्रेमवर्क प्रोग्राम जो कि 2014 से 2020 तक चलाया गया था। 2021 में हॉरिजन यूरोप की लॉन्चिंग से अब तक उसने इजराइल को 786 मिलियन डॉलर (करीब 6700 करोड़ रुपए) का अनुदान दिया है। इन दोनों ही प्रोग्राम्स के जरिए इजराइल की हथियार निर्माता कंपनी IAI को करोड़ों की फंडिंग दी गई है। इसके अलावा एल्बित सिस्टम्स को भी EU ने हॉरिजन 2020 प्रोग्राम के तहत 5 प्रोजेक्ट्स के लिए करोड़ों रुपए दिए थे, खास बात यह है कि एल्बित सिस्टम्स इजराइल की एक सैन्य कंपनी है और इसका सबसे बड़ा खरीददार इजराइल का रक्षा मंत्रालय है।

फंडिंग रोकने की मांग

इसी साल जुलाई में जब गाज़ा में इजराइली हमलों से मारे जाने वालों की संख्या 40 हजार के आंकड़े को पार कर गई तो 2000 से अधिक यूरोपियन एकेडमिक और 45 संस्थाओं ने EU से रिसर्च के नाम पर इजराइल को मिलने वाली फंडिंग रोकने की मांग करते हुए याचिका लगाई थी। इनका तर्क है कि EU के हॉरिजन फ्रेमवर्क ने नॉलेज ट्रांसफर के जरिए इजराइली सेना की टेक्नोलॉजी विकसित करने में अहम भूमिका निभाई है। याचिका में कहा गया था कि, इस तरह की फंडिंग योजना सीधे तौर पर इजराइल की सैन्य और हथियार क्षमता विकसित करने के प्रोजेक्ट्स का समर्थन कर रही हैं। इजराइली सरकार की ओर से किए गए मानवाधिकार उल्लंघन के पैमाने, उसकी अवधि और प्रकृति को देखते हुए EU को रिसर्च और एजुकेशन प्रोग्राम में इजराइली संस्थानों की सहभागिता को खत्म किया जाना चाहिए।

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Shubham Srivastava

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