India News (इंडिया न्यूज), #AllEyesOnBangladeshHindus: बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन के बाद शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के द्वारा नई अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार की भूमिका संभालने के बाद संकट और गहरा गया। इससे पहले ढाका में कई हिंसक घटनाएं हुई हैं, खास तौर पर हिंदू समुदाय को निशाना बनाकर। वहीं अब पूरी दुनिया में #AllEyesOnHindusInBangladesh जैसे सोशल मीडिया हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। हालांकि, यह नया हैशटैग सिर्फ़ एक ट्रेंड से कहीं ज़्यादा है। यह बांग्लादेश में हज़ारों हिंदुओं के सामने मौजूद गंभीर वास्तविकता को उजागर करता है। जमात-ए-इस्लामी जैसे समूहों सहित चरमपंथी तत्वों पर हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है।

#AllEyesOnBangladeshHindus कर रहा ट्रेंड

दरअसल, मौजूदा राजनीतिक माहौल में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर आशंकाएं बढ़ गई हैं। कनाडा से लेकर अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया तक, बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा की मांग को लेकर दुनिया भर में रैलियां निकाली गई हैं। इस वैश्विक आक्रोश ने सोशल मीडिया पर #AllEyesOnBangladeshHindus अभियान की गति को बढ़ा दिया है। बता दें कि, परेशान करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। जिसमें मंदिरों में तोड़फोड़, मूर्तियों को नष्ट करना, घरों में आग लगाना और हिंदुओं को पीटना और धमकाना दिखाया गया है। ये दृश्य शेख हसीना के जाने के बाद से बांग्लादेश में व्याप्त अराजकता को दर्शाते हैं।

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कैसे शुरू हुई बांग्लादेश में अशांति?

बता दें कि, बांग्लादेश में अशांति की शुरुआत कोटा प्रणाली के खिलाफ़ छात्रों के विरोध प्रदर्शन से शुरू हुई। जिसमें 1971 के मुक्ति संग्राम के दिग्गजों के परिवारों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया था। एक छात्र आंदोलन के रूप में शुरू हुआ यह आंदोलन जल्द ही राजनीतिक ताकतों द्वारा अपहृत कर लिया गया, जिससे व्यापक हिंसा हुई। हालात इतने बिगड़ गए कि शेख हसीना को देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी। इस दौरान बांग्लादेश के 52 जिलों में हिंदू समुदायों के खिलाफ 200 से अधिक हिंसक घटनाएं सामने आई हैं। संयुक्त राष्ट्र सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए अंतरिम नेता मुहम्मद यूनुस से आह्वान किया है। वहीं सड़क पर उतरे हजारों हिंदुओं ने स्पष्ट कर दिया है कि बांग्लादेश उनकी मातृभूमि है और उनका वहाँ से जाने का कोई इरादा नहीं है।

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