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America China visit: क्या है अमेरिका और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच हुए बातचीत का राजनीतिक आधार, जानिए हमारे साथ

India News (इंडिया न्यूज़) America China visit:अमेरिका और चीन(America China visit) के बीच के आंतरिक विवाद से पूरी दुनिया वाकिफ है। जिसको लेकर कई सारे राजनीतिक टिप्पणी समय समय पर होते रहते है। वहीं इन दोनों देशों के संबंध को सुधारने के लिए एक पहल किया गया है। इससे पूर्व में कई लोगों का मानना था कि, अमेरिका के विदेश मंत्री और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत का कोई साकारात्मक पहलू नहीं होगा। लेकिन अब ऐसा माना जा रहा है कि, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन की चीन के विदेश मंत्री चिन गांग से हुई बातचीत का नतीजा सकारात्मक रहा। इस बातचीत से दोनों देशो के बीच संबंधों में सुधार के कोई आशा नहीं थी। इसलिए दोनों देशों के बातचीत जारी रखने के फैसले को सही दिशा में माना गया है। वहीं आपको ये भी बता दें कि, रविवार को ब्लिंकेन और चिन के बीच पांच घंटों से भी ज्यादा समय तक बातचीत हुई। इस दौरान ब्लिंकेन ने चिन को अमेरिका आने का आमंत्रण दिया। बातचीत के बाद जारी दोनों देशों की अलग-अलग विज्ञप्तियों में इस बात का जिक्र किया गया कि चिन ने आमंत्रण स्वीकार कर लिया है और दोनों देशों की सुविधा के मुताबिक समय पर वे वॉशिंगटन जाएंगे।

यात्रा का राजनीतिक आधार

बता दें कि, दोनो देशों के बीच हुए इस बातचीत के कई सारे पहलू सामने आ रहे है। जहां कई सारे राजनीतिक विशेषज्ञों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कई सारे विशेषज्ञों ने इस यात्रा को इसलिए भी महत्त्वपूर्ण माना है कि बीते पांच साल से कोई अमेरिकी विदेश मंत्री चीन नहीं गया था। इसके पहले 2018 में तत्कालीन विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने चीन की यात्रा की थी। उनकी उस यात्रा के कुछ समय बाद ही तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के खिलाफ व्यापार युद्ध की शुरुआत कर दी थी। तो वहीं 2021 में जो बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद भी चीन के साथ अमेरिकी रिश्तों में तनाव बढ़ता गया है।

दो टूक वार्ता का अर्थ

इस बातचीत पर चीन ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ये कहा कि, 1970 के दशक में दोबारा रिश्ता बनने के बाद से अमेरिका और चीन के संबंध इस समय सबसे खराब दौर में हैं। जिसके बाद दोनों देशों के ने अपने बयानों में कहा कि, दोनों पक्षों के बीच ‘दो टूक, ठोस और रचनात्मक’ बातचीत हुई। विश्लेषकों ने रचनात्मक शब्द के इस्तेमाल को महत्त्वपूर्ण माना है। दो टूक वार्ता की बात से उन्होंने यह निष्कर्ष निकाला है कि दोनों पक्षों ने बेलाग ढंग से एक-दूसरे को लेकर अपनी शिकायत बताई। वहीं अमेरिका के विदेश मंत्री ब्लिंकेन ने इस कूटनीति के महत्त्व पर जोर दिया और कहा कि, सभी मुद्दों पर संवाद बनाए रखना चाहिए, ताकि गलतफहमी पैदा होने के जोखिम से बचा जा सके। वॉशिंगटन से चीन के लिए रवाना होने से पहले ब्लिंकेन ने कहा था कि उनकी यात्रा का मकसद चीन से पेश आ रही चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए ‘गहन कूटनीति’ का रास्ता अख्तियार करना है। समझा जाता है कि विदेश मंत्री चिन और अन्य चीनी अधिकारियों के साथ बातचीत शुरू कर ब्लिंकेन ने इस कूटनीति की शुरुआत की है।

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Shubham Pathak

शुभम पाठक लगभग दो वर्ष से पत्रिकारिता जगत में है। वर्तमान में इंडिया न्यूज नेशनल डेस्क पर कार्यरत है। वहीं इससे पूर्व में STV Haryana, TV100, NEWS India Express और Globegust में काम कर चुके हैं। संपर्क का स्रोत:- sirshubham84@gmail.com

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